कानपुर में दाेस्त की पत्नी से दुष्कर्म मामले में आरोपित कर्नल की जमानत अर्जी खारिज, नहीं चली कोई दलील
सीओडी में तैनात कर्नल को पुलिस ने दोस्त की रशियन मूल की पत्नी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अदालत में जमानत याचिकाकी सुनवाई के समय पांचवीं पीढ़ी के सैन्य अधिकारी की दलील भी काम नहीं आई।
कानपुर, जेएनएन। सेंट्रल आर्डनेंस डिपो (सीओडी) में तैनात कर्नल नीरज गहलोत की जमानत अर्जी शुक्रवार को जिला जज राम पाल सिंह ने खारिज कर दी। नीरज की ओर से दलील दी गई थी कि वह पांचवीं पीढ़ी का सैन्य अफसर है। कारगिल में भी तैनात रहा। दोस्त को डिनर पर आमंत्रित करने की बात से भी कर्नल ने इन्कार किया। हालांकि, कर्नल की यह दलीलें काम नहीं आईं।
सीओडी में तैनात कर्नल के खिलाफ उनके मित्र ने 13 दिसंबर 2020 को छावनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बतौर आरोप कर्नल ने उन्हें सीओडी ऑफीसर्स मेस में 10 दिसंबर को डिनर पर बुलाया था। रात करीब नौ बजे वह रशियन मूल की पत्नी और बच्चे के साथ पहुंचे थे। डिनर से पहले उन्होंने कर्नल के साथ शराब पी। शराब पीने के बाद वह बेहोश हो गए। आरोप हैं कि कर्नल ने इसका फायदा उठाकर उनकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया। इसी बीच उन्हें होश आया तो उन्होंने कर्नल को पीछे से पकड़कर खींचा और थप्पड़ भी मारा। इसके बाद कर्नल वहां से चला गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप कुमार अवस्थी, सहायक शासकीय अधिवक्ता रवींद्र अवस्थी और ओमकार नाथ वर्मा ने बताया कि न्यायालय ने बचाव पक्ष की दलील और अभियोजन के तर्कों को सुनने के बाद कर्नल की जमानत अर्जी खारिज कर दी।