अब घर जैसे माहौल में होगी मानसिक रोगियों की काउंसिलिंग, कानपुर मेडिकल कॉलेज में बनेगा पुनर्वास केंद्र
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग में शहर और आसपास जिलों से मरीज आते हैं। उनकी संख्या को देखते हुए यहां न सुविधाएं हैं और न संसाधन। मनोरोग विभाग के नोडल अफसर डॉ. गणेश शंकर ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल को समस्या से अवगत कराया था।
कानपुर, जेएनएन। कहा जाता है जैसे मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य है वैसे भी तनाव और अनिद्रा भी मनुष्य की दुश्मन है। स्वस्थ जीवन के लिए मानसिक रूप से मजबूत रहना भी अतिआवश्यक है। जिले में मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मरीज भी बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने घर जैसे माहौल में ऐसे मरीजों के इलाज, काउंसिलिंग व पुनर्वास के लिए पुनर्वास केंद्र खोलने की पहल की है।
पूर्व में हुआ था पुनर्वास केंद्र बनाने का आग्रह
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग में शहर और आसपास जिलों से मरीज आते हैं। उनकी संख्या को देखते हुए यहां न सुविधाएं हैं और न संसाधन। मनोरोग विभाग के नोडल अफसर डॉ. गणेश शंकर ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल को समस्या से अवगत कराया था। नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निमहांस) की तर्ज पर यहां अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र बनाने का आग्रह किया था, जहां घर जैसे माहौल में मानसिक रोगियों की काउंसिङ्क्षलग और इलाज किया जाएगा। प्राचार्य ने उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि की अगुवाई में कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर पत्र शासन को भेजा गया है।
इनका ये है कहना
पुनर्वास की व्यवस्था इस सेंटर में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े व्यक्तियों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से मदद ली जाएगी। उनकी मानसिक क्षमता के आधार पर अगरबत्ती व मोमबत्ती बनाने के साथ आर्ट-क्राफ्ट से जुड़े प्रशिक्षण दिए जाएंगे। ताकि वह जीविकोपार्जन भी कर सकें। निमहांस की तर्ज पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मरीजों के लिए यहां अत्याधुनिक सेंटर बनाया जाएगा। वहां घर जैसा माहौल देकर उनका इलाज किया जाएगा। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर शासन से अनुमति मांगी गई है। प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज