कोरोना से उबरे ताे अब लिवर, किडनी व हार्ट की समस्याओं ने घेरा, जानिए- क्या कहते हैं डाक्टर
कानपुर शहर के लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल एवं लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में मरीज निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी इलाज करा रहे हैं। ऐसे मरीजों को लिवर किडनी और हार्ट की समस्या हो रही है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस को मात देकर उबरने वाले यानी पोस्ट कोविड मरीजों को सांस फूलने, कमजोरी, घबराहट एवं भूलने की समस्या हो रही है। ऐसे मरीज इलाज के लिए लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल, मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल एवं लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में मरीज निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी इलाज करा रहे हैं। ऐसे मरीजों को लिवर, किडनी और हार्ट की समस्या हो रही है। कुछ ऐसे मरीज भी हैं, जिन्हें ब्रेन हेमरेज की समस्या भी हो रही है।
केस-एक : स्वास्थ्य के डाक्टर अप्रैल 2020 से कोरोना की रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) में लगे हैं। दूसरी लहर में कोरोना की चपेट में आ गए। ठीक होने के बाद भी भूख नहीं लग रही थी। कमजोरी महसूस होने पर डाक्टर को दिखाया। खून की जांच में लिवर में सूजन का पता चला। अब दवाएं चल रही हैं।
केस- दो : जीएसवीएम मेडिकल कालेज के चिकित्सा शिक्षक की पत्नी को कोरोना का संक्रमण हुआ था। फेफड़े में गंभीर संक्रमण होने से जटिलताएं शुरू हो गईं। कोविड आइसीयू में भर्ती रहीं। ठीक होने के बाद जब ब्लड शुगर की जांच कराई तो मधुमेह का पता चला। उसके बाद से मधुमेह की दवाएं खा रही हैं।
केस - तीन : किदवई नगर के अधिवक्ता को कोरोना का संक्रमण होने के बाद आक्सीजन लेवल 80 तक पहुंच गया था। लंबे समय तक आइसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती रहे। ठीक होने के बाद से सांस फूलने की समस्या है। हृदय रोग संस्थान में दिखाया तो जांच कराई। कार्बन डाइआक्साइड का स्तर बढऩे से हार्ट की पंङ्क्षपग कम हो गई है। इस वजह से दिक्कत हो रही थी। उनका भी इलाज चल रहा है।
इनका ये है कहना:
- पोस्ट कोविड मरीजों को धड़कन बढऩे की समस्या हो रही है। सीने में दर्द की शिकायत और हार्ट अटैक के साथ भी आ रहे हैं। - डा. एसके सिन्हा, एसोसिएट प्रोफेसर, हृदय रोग संस्थान।
- पोस्ट कोविड मरीज एलएलआर की ओपीडी में रोजाना समस्या लेकर आ रहे हैं। उन्हें लिवर, किडनी और सांस फूलने जैसी समस्याएं हो रही हैं। चलने-फिरन में कमजोरी भी हो रही है। - प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
- कोरोना से उबरने के बाद सांस फूलने, कमजोरी एवं भूलने की समस्या लेकर मरीज आ रहे हैं। कोरोना के संक्रमण की वजह से खून की नसों एवं फेफड़ों की नलिकाओं में फाइब्रोसिस की समस्या हो रही है। कमजोरी की वजह से लिवर में दिक्कत एंव प्रोटीन की कमी होना है। - डा. सुधीर चौधरी, वरिष्ठ प्रोफेसर, रेस्पिरेट्री मेडिसिन।
अस्पतालों की स्थिति
- 10-12 मरीज एलएलआर ओपीडी में रोज आ रहे
- 20-25 मरीज एमएल चेस्ट की ओपीडी में आ रहे
- 15-20 मरीज हृदय रोग संस्थान की ओपीडी पहुंच रहे
यह हो रही दिक्कत
- 30-35 फीसद मरीजों में थकान एवं कमजोरी
- 15-20 फीसद मरीजों में चलने में हो रही दिक्कत
- 15-16 फीसद मरीजों धड़कन बढऩे की समस्या
- 10-12 फीसद मरीजों में तनाव की समस्या
- 05 फीसद मरीजों में धड़कन कम की समस्या
जिले का आंकड़ा
- 11,372 संक्रमित कोविड हास्पिटल से हुए डिस्चार्ज
- 82,879 संक्रमित होम आइसोलेशन से हुए हैं स्वस्थ
- 1904 संक्रमित की हो चुकी मौत