Move to Jagran APP

CoronaVirus का ओमिक्रोन वैरिएंट और घातक, जानिए- कितना प्रभावी हो सकती वैक्सीन

दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रोन वैरिएंट में अब तक 50 म्यूटेशन मिल चुके हैं इसमें वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन और 10 म्यूटेशन सिर्फ स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग में मिले हैं ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:53 AM (IST)
CoronaVirus का ओमिक्रोन वैरिएंट और घातक, जानिए- कितना प्रभावी हो सकती वैक्सीन
जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में विशेषज्ञ कर रहे मंथन।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट सबसे घातक है। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की जीन सीक्वेंसिंग में 50 म्यूटेशन पाए गए हैं। इसमें वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन मिले, उसमें से 10 म्यूटेशन सिर्फ स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग में पाए गए हैं। भारत में अब तक सक्रिय डेल्टा वायरस में सिर्फ दो म्यूटेशन मिले थे, जिससे वह घातक हो गया था। उस पर कोरोना वैक्सीन 50 फीसद ही प्रभावी थी, जबकि ओमिक्रोन को लेकर वैक्सीन के प्रभाव पर विशेषज्ञ अपनी राय देने को जल्दबाजी कह रहे हैं। देश-दुनिया के विशेषज्ञ मंथन पर जुटे हैं। अमेरिकन एसोसिएशन आफ माइक्रोबायोलाजी की आनलाइन प्लेटफार्म पर हुई बैठक में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. विकास मिश्रा भी शामिल रहे।

loksabha election banner

प्रोफेसर डा. विकास मिश्रा ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन नौ नवंबर को पाया गया है। ओमिक्रोन वैरिएंट अंदर जाकर शरीर के रिसेप्टर से तेजी से चिपकता जाता है, जिससे संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है।

दक्षिण अफ्रीका में 21 दिन में आक्रामक : पहला केस रिपोर्ट होने के महज 21 दिन में दक्षिण अफ्रीका में पहले से सक्रिय कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के संक्रमितों से ऊपर ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमितों की संख्या निकल गई, जिससे साफ है कि यह वायरस तेजी से संक्रमण फैला रहा है। डा. मिश्रा का कहना है कि नए वैरिएंट को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है।

वैक्सीन की सफलता ने बढ़ाई चिंता : कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को लेकर ही कोरेाना की वैक्सीन तैयार की गई है। ऐसे में स्पाइक प्रोटीन में अत्यधिक म्यूटेशन ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। डा. मिश्रा का कहना है कि भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में सिर्फ दो म्यूटेशन हुए थे, जिस वजह से 50 फीसद ही वैक्सीन प्रभावी थी।

कोविड संक्रमितों में हल्के लक्षण : डा. मिश्रा के मुताबिक, ओमिक्रोन के 44 केस पर अध्ययन में पाया गया कि जिन्हें पहले कोरोना का संक्रमण हो चुका था, उनमें हल्के लक्षण पाए गए हैं। अधिकतर के गले में संक्रमण और खांसी की समस्या पाई गई। सिर्फ पांच फीसद में ही बुखार की शिकायत मिली है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अपने देश में इस वायरस के आने के बाद तमाम कारण पर उसकी आक्रामकता निर्भर करेगी।

इनके लिए घातक : बुजुर्गों, मधुमेह, किडनी रोग, हृदय रोग, कैंसर, हाइपरटेशन, दमा, सीओपीडी और फेफड़े से जुड़ी बीमारियों से पीडि़त।

इस पर निर्भर करेगा वायरस : वातावरण, प्रतिरोधक क्षमता, कोरोना संक्रमण के बाद एंटीबाडी, वैक्सीनेशन से मिली प्रतिरोधक क्षमता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.