Move to Jagran APP

कानपुर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दवाओं का संकट, जिंक-विटामिन सी की भी शॉर्टेज

अब मेडिकल स्टोरों पर बिना पर्चे के दवाएं न देने से सुधार आ रहा है। जिंक व विटामिन सी की दवाएं तो लोगों ने डर के चलते उम्मीद से ज्यादा रख लीं। इसकी वजह से आज भी यह दवाएं कुछ ही स्थानों पर मिल रही हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 07:10 AM (IST)
कानपुर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दवाओं का संकट, जिंक-विटामिन सी की भी शॉर्टेज
कानपुर में कोरोना की दवाओं की शॉर्टेज से संबंधित प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। संक्रमण के दूसरे फेज में कोविड से संबंधित दवाओं की सप्लाई मुश्किल से मिल रही थी। विटामिन सी और जिंक के साथ कोविड संक्रमण में आमतौर पर उपयोग होने वाली दवाओं का भी टोटा हो गया है। मास्क, पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर का रेगुलेटर, स्टेराइड व कोविड संक्रमण के इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन काफी मुश्किल से मिल रहे हैं।

loksabha election banner

दवा व्यापार मंडल के एक पदाधिकारी के मुताबिक एंजीथोमाइसिन, इमरमेक्टिव, लिमसी, डेकाडान के साथ पैरासिटामॉल की सप्लाई में कमी का प्रमुख कारण लोगों को कोविड के भय के चलते स्वयं ही दवाओं का प्रयोग करना है। हालांकि अब मेडिकल स्टोरों पर बिना पर्चे के दवाएं न देने से सुधार आ रहा है। जिंक व विटामिन सी की दवाएं तो लोगों ने डर के चलते उम्मीद से ज्यादा रख लीं। इसकी वजह से आज भी यह दवाएं कुछ ही स्थानों पर मिल रही हैं।

केस-1 : हैलट के सामने बने ज्यादातर मेडिकल स्टोरों पर बिना डॉक्टरी पर्चे पर कोविड संक्रमण में उपयोग होने वाली दवाएं नहीं दी जा रही हैं। संचालकों ने दवा संकट को देखते हुए प्रशासन के आदेशानुसार जरूरतमंद को दवाएं देने की बात कही। बिना पर्चे के विटामिन सी और जिंक की दवाएं भी संचालक देने में परहेज कर रहे हैं।

केस-2 : किदवई नगर, उर्सला और हैलट के मेडिकल सेंटरों पर मास्क, पल्स ऑक्सीमीटर व ऑक्सीजन रेगुलेटर नहीं मिल रहे। पूछने पर संचालकों ने बताया कि थोक विक्रेताओं से उन्हें ही उपलब्ध नहीं हो रहा है। रावतपुर के एक संचालक ने बताया कि जो रेगुलेटर 400 तक मिलता था, वो उन्हें तीन हजार तक मिल रहा है।

केस-3 : रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर सभी मेडिकल स्टोरों पर डॉक्टरी पर्चे दिखाने की बात कही गई। संचालक कोविड हॉस्पिटल में भर्ती मरीज की पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही डॉक्टर द्वारा पर्चे पर लिखने के बाद रेमडेसिविर दे रहे हैं। हैलट के एक संचालक ने बताया कि रेमडेसिविर प्रशासन द्वारा सिर्फ कोविड अस्पतालों को दिया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.