Move to Jagran APP

Kanpur Coronavirus News: फिर चढऩे लगा कोरोना संक्रमितों का ग्राफ, रोजाना सामने आ रहे औसतन 130 संक्रमित

कानपुर शहर में प्रतिदिन 4800 से 5000 लोगों की कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। 35 स्थानों पर एंटीजन टेस्ट ट्रूनॉट और आरटीपीसीआर जांच भी कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सतर्क है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 06:56 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 06:56 AM (IST)
Kanpur Coronavirus News: फिर चढऩे लगा कोरोना संक्रमितों का ग्राफ, रोजाना सामने आ रहे औसतन 130 संक्रमित
कानपुर में कोरोना वायरस का ग्राफ बढ़ रहा है।

कानपुर, जेएनएन। जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से रफ्तार पकडऩे लगा है। नवंबर की शुरुआत में संक्रमितों का जो आंकड़ा सिमटता दिख रहा था, ठंड के साथ त्योहार में भीड़भाड़ होने से बढऩे लगा है। अब रोजाना औसतन 130 कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। एक्टिव केस भी बढ़कर दोगुने हो गए हैं। जिले में कोरोना जांच की हर विधि भी अपनाई जा रही है। 

loksabha election banner

शहरी क्षेत्र में 35 स्थानों पर एंटीजन कार्ड टेस्ट से कोरोना की जांच हो रही है। एंटीजन टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट पर सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब भेजे जाते हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच ट्रूनॉट से की जाती है, ताकि जल्द से जल्द इलाज मुहैया कराया जा सके। जिले में इस समय 4800-5000 प्रतिदिन जांचें हो रही हैं।

लेबलिंग व पैकिंग में चार-पांच घंटे

स्वास्थ्य विभाग शहर में 35 स्थानों पर कोरोना की जांच करा रहा है। पहले एंटीजन कार्ड टेस्ट से जांच की जाती है। अगर डॉक्टर आरटीपीसीआर के लिए कहते हैं तो सैंपल लिया जाता है। इन सैंपल को विशेष वाहन से शहर भर से एकत्र करके उर्सला अस्पताल स्थित सीएमओ के कोविड कंट्रोल रूम लाया जाता है। पहले अलग-अलग वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया (वीटीएम) में लिए गए सैंपल के नंबर का मिलान कर बार कोड पर दर्ज करते हुए कंप्यूटर पर फीडिंग कराई जाती है। उसके बाद सैंपल की लेबलिंग और पैकिंग होती है। इस पूरी प्रक्रिया में चार से पांच घंटे लग जाते हैं। उसके बाद देर रात सैंपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब भेजे जाते हैं। इसमें रैपिड रिस्पांस टीम और मोबाइल वैन के एकत्र किए गए सैंपल भी होते हैं।

24 घंटे में आती है रिपोर्ट

सीएमओ कार्यालय से मेडिकल कॉलेज सैंपल आने के बाद 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट दी जाती है। मेडिकल कॉलेज में चार आरटीपीसीआर मशीनें हैं, जो इस समय 24 घंटे चलाई जा रही हैं। एक बार में एक मशीन पर 99 सैंपल लगाए जाते हैं। सैंपल 2000-2200 तक हो रहे हैं। प्रत्येक मशीन पर 8-9 बार जांच होती है। जांच की प्रक्रिया मेडिकल कॉलेज में निरंतर चल रही है।

सैंपल प्रोसेसिंग में लगते आठ घंटे

एक बार में 99 सैंपल एक मशीन पर लगते हैं। जांच से पहले सैंपल की प्रोसेसिंग में आठ घंटे लगते हैं। इसमें पहले सैंपल से आरएनए (राइबोज न्यूक्लिक एसिड) निकालते हैं। उसके बाद आरटीपीसीआर की प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें लगभग आठ घंटे लगते हैं। जांच की यह सबसे सटीक और कारगर है। इसलिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इसके आंकड़े की सीधे निगरानी करता है।

एंटीजन निगेटिव तो आरटीपीसीआर जरूरी

स्वास्थ्य विभाग एंटीजन कार्ड टेस्ट करा रहा है जो निश्शुल्क है। यह जांच कोरोना की स्क्रीनिंग जांच है। इसमें संदिग्ध का थ्रोट और नेजल स्वाब लेकर कार्ड से जांच की जाती है। अगर जांच में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आती है तो कंफर्म होता है, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव होने पर आरटीपीसीआर जांच कराना जरूरी होता है। एंटीजन कार्ड टेस्ट में 20-30 मिनट में पता चल जाता है। हालांकि रिपोर्ट शाम को कंप्यूटर पर फीडिंग के बाद ही मिलती है।

ट्रूनॉट जांच में दो घंटे में रिपोर्ट

हैलट अस्पताल की इमरजेंसी और उर्सला में ट्रूनॉट मशीन से कोरोना की जांच की जा रही है। यहां इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीजों की जांच की जाती है, ताकि दो घंटे में रिपोर्ट मिल सके।

निजी लैब में कोरोना की जांच

जिले में निजी क्षेत्र में चार स्थानों में कोरोना की जांच हो रही है। इसमें रीजेंसी हॉस्पिटल, न्यू लीलामनी हॉस्पिटल, ज्ञान पैथालॉजी एवं लाल पैथालॉजी में हो रही है।

  • शहर में 35 स्थानों पर कोरोना की एंटीजन जांच हो रही है। आरआरटी एवं मोबाइल टीमें भी लगी हुईं हैं। एंटीजन रिपोर्ट तत्काल मिल जाती है। आरटीपीसीआर जांच भी करा रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है। केस बढऩे के बाद अधिक से अधिक जांच कराने पर फोकस किया जा रहा है। - डॉ. अनिल मिश्रा, सीएमओ, कानपुर नगर।
  • मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब 24 घंटे काम कर रही है। यहां कानपुर नगर के अलावा दूसरे जिलों के सैंपल भी जांच के लिए आ रहे हैं। सीएमओ के सैंपल की जांच रिपोर्ट 24 घंटे में दे दी जाती है। - डॉ. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.