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कानपुर में ऑक्सीजन के बाद अब एंबुलेंस सेवा पर संकट के बादल, निजी संचालकों ने तीन गुना बढ़ाए रेट

Coronavirus Crisis in UP कोरोना संक्रमितों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 20 एंबुलेंस लगाई गई हैं। 60 एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं और हादसों में घायलों के लिए सेवा दे रही हैं। कोविड कंट्रोल से कॉल आने पर पॉजिटिव रोगियों को भर्ती करने की एंबुलेंस की सेवा दी गई है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 08:10 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 08:10 AM (IST)
कानपुर में ऑक्सीजन के बाद अब एंबुलेंस सेवा पर संकट के बादल, निजी संचालकों ने तीन गुना बढ़ाए रेट
ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए पनकी में खड़ी एबुलेंस।

कानपुर, जेएनएन। Coronavirus Crisis in UP कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की किल्लत से सरकारी और निजी अस्पतालों में बने संकट के बादल अब एंबुलेंस की सुविधा पर भी मंडराने लगे हैं। रोजाना कोविड और संभावित संक्रमितों को लाने और ले जाने के साथ ही उनको भर्ती कराने तक के इंतजार में काफी ऑक्सीजन खर्च हो रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस के लिए कांशीराम कोविड अस्पताल में बैकअप रखवाया गया है। अभी करीब 24 घंटे का बैकअप बचा हुआ है। ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर दूसरी एंबुलेंस से जंबो या फिर छोटे सिलिंडर भेजे जा रहे हैं। ऐसा दिन में दो से तीन बार हो रहा है। कोरोना संक्रमितों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 20 एंबुलेंस लगाई गई हैं। वहीं 60 एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं और हादसों में घायलों के लिए सेवा दे रही हैं। कोविड कंट्रोल से कॉल आने पर पॉजिटिव रोगियों को भर्ती करने की एंबुलेंस की सेवा दी गई है। जिला सर्विलांस प्रभारी डॉ. सुबोध प्रकाश ने बताया कि अभी तक एंबुलेंस में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं आई है। बैकअप बराबर लेकर चला जा रहा है।

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शहर में सामने आए दो मामले:

  • केस एक : काकादेव की 71 वर्षीय पुष्पलता दीक्षित की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रविवार को उनका बेटा कोविड एंबुलेंस से गोविंद नगर के नर्सिंगहोम में उन्हें भर्ती कराने ले गया। नर्सिंगहोम की ओर से उन्हें बेड खाली न होने की जानकारी दी गई। फिर मंधना के कोविड अस्पताल पहुंचा। वहां भी उन्हें इंतजार करना पड़ा। वृद्धा को करीब पांच घंटे तक ऑक्सीजन लगी रही।
  • केस दो : श्याम नगर के 70 साल के शिवकुमार को कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए स्वजन परेशान हुए। वे सरकारी एंबुलेंस से मंधना के कोविड अस्पताल गए। यहां पर भर्ती होने में चार घंटे से अधिक का समय लगा। इस दौरान टेक्नीशियन बराबर ऑक्सीजन के सिलिंडर पर नजर रखे था। शुरुआत में सिलिंडर न होने की बात कहकर मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा था।

निजी एंबुलेंस संचालकों ने रेट किए तीन गुना: कोरोना संक्रमण और बढ़ते हुए केस को देखकर निजी एंबुलेंस संचालकों ने रेट तीन गुना कर दिए हैं। ऐसे में मरीजों के स्वजन की जेब खाली हो जा रही है। यह एंबुलेंस निजी अस्पतालों में लगी रहती है, जबकि रोगी को घर से लाने और फिर अन्य अस्पताल में भर्ती कराने तक की अलग फीस निर्धारित की गई है। हैलट, उर्सला, कांशीराम कोविड अस्पताल समेत अन्य कोविड नर्सिंगहोम के रेट निर्धारित किए गए हैं। संक्रमितों के ऑक्सीजन की जरूरत के अलग से दाम तय कर दिए हैं। शव ले जाने के लिए भी रेट तीन गुना हो गए हैं। दूसरे जनपदों के लिए एंबुलेंस का संकट बना हुआ है।


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