Move to Jagran APP

कोरोना की आफत ने बढ़ा दी ऑक्सीजन की खपत

कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण कोविड अस्पतालों में ऑक्सीन की खपत चार गुना ज्यादा बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 07:43 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 07:43 AM (IST)
कोरोना की आफत ने बढ़ा दी ऑक्सीजन की खपत
कोरोना की आफत ने बढ़ा दी ऑक्सीजन की खपत

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना महामारी ने ऑक्सीजन की कीमत यानी अहमियत बढ़ा दी है। कानपुर मंडल के सबसे बड़े अस्पताल हैलट के कोविड हॉस्पिटल में जहां ऑक्सीजन की खपत तीन गुना बढ़ गई है तो कांशीराम चिकित्सालय में दोगुनी। इसी तरह महानगर ही नहीं, आसपास के जिलों में भी डिमांड बढ़ गई है। यहां से आसपास दस जिलों में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। पहले ऑक्सीजन की औसत खपत 600-700 सिलेंडर थी, जो बढ़कर 1500-1600 हो गई है। यहां मेडिकल ऑक्सीजन खुद ही तैयार कर कंपनी आपूर्ति करती है, लेकिन कई गुना मांग बढ़ने पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) मंगानी पड़ रही है। रोजाना का एक टैंकर मंगाना पड़ रहा है।

loksabha election banner

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में लिडे कंपनी ने 10-10 हजार लीटर के तीन एलएमओ के प्लांट लगाए हैं। यहां पर पहले ऑक्सीजन की औसतन खपत महीने में 4-5 टैंकर की थी, पर जुलाई में कोरोना के गंभीर मरीज बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की खपत तीन गुना बढ़ गई है। रोजाना एक दिन छोड़कर टैंकर मंगाया जा रहा है, जिससे 12-15 टैंकर लग रहे हैं। मई में लिडे को 20 लाख रुपये भुगतान किया गया था, जो जुलाई में 45 लाख रुपये हो गया। अगस्त में ऑक्सीजन का बिल 60 लाख रुपये का बना है। उधर, कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में पहले 30-40 सिलेंडर रोज लगते थे। कोविड हॉस्पिटल बनने के बाद से 100 बड़े सिलेंडर लग रहे हैं।

---

घरों में भी बढ़ी खपत

मेडिकल स्टोर और सर्जिकल स्टोर में ऑक्सीजन के दो, पांच व 10 लीटर के ऑक्सीजन सिलेंडर मिलते हैं। इन्हें व्यक्तिगत प्रयोग में सामान्य दिनों में लोग किराए पर लेकर जाते हैं। मई-जून तक 50 रुपये किराया था तो अब 180 रुपये वसूला जा रहा है। पहले महीने में 80-90 सिलेंडर की डिमांड रहती थी, जो बढ़कर 300-350 पहुंच गई है।

---

नर्सिग होम में लगे हैं ऑक्सीजन जनरेटर

शहर के बड़े निजी अस्पतालों एवं नर्सिग होम में ऑक्सीजन जनरेटर लगा लिए हैं। इसके जरिए अपने यहां ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं, हालांकि इस ऑक्सीजन की कोई टेस्टिग नहीं होती है।

---------------

कहां-कहां आपूर्ति

शहर से कानपुर देहात, कन्नौज, फतेहपुर, उन्नाव, हमीरपुर, बांदा, जालौन, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद तक आपूर्ति होती है।

-------------

सिलेंडर की क्षमता व सरकारी रेट

7000 लीटर बड़े सिलेंडर : 109 रुपये

1500 लीटर छोटे सिलेंडर : 34 रुपये हैलट में रोजाना खपत

10 हजार लीटर एलएमओ

394 बड़े सिलेंडर

175 छोटे सिलेंडर

---------------------------

कोरोना के गंभीर मरीजों के आने के बाद से ऑक्सीजन की खपत तीन गुना बढ़ गई है। सिर्फ न्यूरो साइंस के कोविड हॉस्पिटल में छह हजार लीटर ऑक्सीजन रोज लग रही है। इसलिए प्रतिदिन बैकअप में एक टैंकर मंगाने की व्यवस्था शासन से कहकर कंपनी से कराई है।

- प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य एवं प्रमुख अधीक्षक, हैलट अस्पताल।

---------------- पहले 300-400 सिलेंडर की खपत थी। जुलाई से डिमांड 1200-1500 सिलेंडर की हो गई है। यहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन 500-600 सिलेंडर भरने का है। मांग पूरी करने के लिए ओडिशा के राउरकेला और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से प्रति दिन एक टैंकर मंगाना पड़ रहा है। डिमांड बढ़ने से कंपनियों ने कीमतें बढ़ा दी हैं। अब यहां भी शासन की अनुमति के बाद कीमत बढ़ाएंगे।

- अजय मिश्र, पार्टनर, मुरारी इंडस्ट्रीयल गैसेज।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.