घर तक आते हैं और दूर से परिवार को देख फिर लौट जाते हैं डॉ. एसपी यादव, ऐसा है उनका सेवाधर्म
कोविड अस्पताल में दिन-रात ड्यूटी करके डॉ. एसपी यादव समाज के प्रति सेवा धर्म निभा रहे हैं। दिन में सीएचसी और रात में उर्सला अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं। बच्चे जिद न करें इसलिए घर के दरवाजे से लौटकर फिर अस्पताल आ जाते हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोविड काल में डॉक्टरों की सेवाभाव के कारण ही समाज संक्रमण के दंश से काफी हद तक बचने में कामयाब रह पाया है। दिन-रात डॉक्टरों का सेवाभाव और समाज के प्रति जिम्मेदारी ने संक्रमण पर काबू पाया है। कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी बिधनू ब्लॉक के सीएचसी चिकित्साधीक्षक डॉ. एसपी यादव दिन-रात निभाने में अग्रसर हैं। दस महीनों से परिवार से दूरी बनाकर समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
मूलरूप से बिधनू निवासी डॉ. एसपी यादव दिन में अपनी सीएचसी जबकि रात में उर्सला अस्पताल में मरीजों की सेवा करने में तत्पर रहते हैं। दिन में बिधनू सीएचसी में इमरजेंसी केस देखने के साथ वैक्सीनेशन में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. एसपी यादव रात में उर्सला अस्पताल में जाकर 24 घंटे के पॉजिटिव केसों का डाटा बनाते हैं। ताकि सुबह उनको जरूरी दवाएं और उपचार मुहैया कराया जा सके। उनका यह कार्य लगातार दस महीनों से चल रहा है।
वह बतातें हैं कि समाज के प्रति यह उनका कर्त्तव्य है अगर वे इसे नहीं निभाएंगे तो यह काम कौन करेगा। उन्होंने बताया कि कई साथियों से जानकारी मिलती है कि संक्रमण में दूसरे लोग झूठ का सहारा लेकर काम करने से बच रहे हैं। परंतु आपदा के समय दूसरों के काम आने के अवसर को देखते हुए हौसला बनाएं रखा। मुझे पता है कि मेरे काम के कारण ही प्रतिदिन संक्रमित की चपेट में आएं परिवारों को जरूरी दवाएं और उपचार समय से मिल पाता है। इसलिए इसे एहमियत देना मेरी प्राथमिकता पर रहता है।
बच्चे जिद न करें इसलिए देखकर लौट आता हूं
डॉ. एसपी यादव बतातें हैं कि परिवार रनिया में रहता है। जब काम हाेता है तो परिवार को दूर से जाकर देख लेता हूं। ताकि बच्चें जिद न करें। दिन-रात काम के चलते भोजन बनाने का समय नहीं मिलने के कारण टिफिन सर्विस की मदद लेता हूं। हालांकि मेरी इस व्यवस्था से माता-पिता में नाराजगी जरूर रहती है परंतु पत्नी रजनी मेरा हौसला बढ़ाकर प्रेरित करती हैं।