कानपुर में रेलवे के कामकाज पर कोरोना डाल रहा असर, आ रहीं इस तरह की दिक्कतें
संक्रमण से रेलवे कर्मचारियों के कामकाज पर पड़ रहे असर का सीधा प्रमाण हैं। रेलवे अधिकारी बताते हैं कि कर्मचारियों की संख्या में कमी के चलते अब सभी गैरजरूरी काम रोक दिए गए हैं। कुशल संचालन संरक्षा यात्री सुविधाओं और आय पर ध्यान दिया जा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। रेलवे कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग परिचालन से जुड़ा है जबकि कार्यालयों में रहने वाला कर्मचारी वर्ग भी इनसे सीधे संपर्क में रहता है। ऐसे में कोविड संक्रमण का असर रेलवे के काम काज पर पड़ रहा है। दरअसल, रेलवे में अब तक एक दर्जन कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब डेढ़ से दो सौ कर्मचारी या तो संक्रमित हैं या फिर कोविड लक्षणों से परेशान होकर आइसोलेट हैं। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के बीमार होने से कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। उपर दिए दो मामले संक्रमण से रेलवे कर्मचारियों के कामकाज पर पड़ रहे असर का सीधा प्रमाण हैं। रेलवे अधिकारी बताते हैं कि कर्मचारियों की संख्या में कमी के चलते अब सभी गैरजरूरी काम रोक दिए गए हैं। कुशल संचालन, संरक्षा, यात्री सुविधाओं और आय पर ध्यान दिया जा रहा है।
केस एक : मेडिकल से जुड़े एक बड़े अधिकारी के संक्रमित होने के बाद उनकी जिम्मेदारी दूसरे डॉक्टर को दी गई जिसके बाद अब वह प्रबंधन का कार्य भी कर रहे हैं और मरीजों की नब्ज भी टटोल रहे हैं।
केस दो : सेंट्रल स्टेशन के पांच असिस्टेंट लोको पायलटों (एएलपी) को गार्ड के काम पर लगाया गया है जबकि एएलपी गार्ड का काम जानते ही नहीं। ऐसा इसलिए क्यों कि पहले तो गार्ड की कमी है फिर कई कोविड की चपेट में हैं।
किस विभाग में कितने प्रभावित
- विभाग संक्रमित मृत
- कैरिज एंड वैगन 20 02
- गार्ड, टीटीई व अन्य 40 03
- लोको पायलट 74 02
- इंजीनियरिंग विभाग 10 02
- इलेक्ट्रिक लोको शेड 10 02
(विभागीय कर्मचारियों द्वारा दिए संभावित आंकड़े)
इनका ये है कहना
- यह सही है कि रेलवे कर्मचारी अधिक संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में हम सुरक्षा, संरक्षा, यात्री सुविधाओं और आय बढ़ाने जैसे विषयों से जुड़े कार्य ही कर रहे हैं। मिसलेनियस कार्यों को फिलहाल रोक दिया गया है।
हिमांशु शेखर उपाध्याय, डिप्टी सीटीएम