कोरोना संक्रमण ने छीने माता-पिता, पादरी निभाएंगे परवरिश की जिम्मेदारी, यहां पर जानिए पूरी बात
कोरोना संक्रमण का शिकार होकर काफी लोग दुनिया से चले गए। कोरोना संक्रमण की वजह से जिन घरों में मौत हुई वहां कोहराम मचा रहा। कोरोना संक्रमण के दौरान जहां अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ा वहीं आक्सीजन के लिए भी लंबी लाइनें लगी रही।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी में अनाथ व बेसहारा हुए ईसाई बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी पास्टर्स एसोसिएशन उठाएगी। कोरोना संक्रमण की वजह से जिन ईसाई बच्चों के माता-पिता दुनिया से चले गए हैं, उनकी देखभाल के साथ पढ़ाई का इंतजाम भी किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण का शिकार होकर काफी लोग दुनिया से चले गए। कोरोना संक्रमण की वजह से जिन घरों में मौत हुई वहां कोहराम मचा रहा। कोरोना संक्रमण के दौरान जहां अस्पतालों में भर्ती होने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ा वहीं आक्सीजन के लिए भी लंबी लाइनें लगी रही। आक्सीजन के लिए लोग भटकते रहें और कोरोना संक्रमितो की सांसे टूटती रही। कोरोना काल में कई परिवार ऐसे भी रहे जिनमें पति व पत्नी दोनों चल बसे और बच्चे अकेले रह गए। कई बच्चों के सिर पर से पिता का हाथ तो कई बच्चों के सिर पर से मां का आंचल हट गया। ईसाई समाज में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं।
कई बच्चे अनाथ हो गए जिनकी देखभाल व शिक्षा को लेकर पादरी चिंतित थे। ऐसे बेसहारा बच्चों का सहारा पास्टर्स एसोसिएशन बनेगी। एसोसिएशन के सदस्य अनाथ हुए ईसाई बच्चों की परवरिश के साथ शिक्षा की भी जिम्मेदारी संभालेंगे। इसको लेकर हाल ही में पास्टर्स एसोसिएशन की बैठक भी हो चुकी है। एसोसिएशन के महासचिव पादरी जितेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान जिन ईसाई बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई है, उनकी देखभाल की जिम्मेदारी एसोसिएशन उठाएगी।