मधुमेह, हाइपरटेंशन व हृदय रोगियों का दुश्मन है कोरोना
कोरोना वायरस के सबसे बड़े दुश्मन हाइपरटेंशन मधुमेह और हृदयरोगियों का सबसे बड़ा दुश्मन है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना वायरस के सबसे बड़े दुश्मन हाइपरटेंशन, मधुमेह और हृदय रोगी हैं। तेजी से कोमोर्बिड कंडीशन में पहुंचने से संक्रमण जानलेवा होता है। इलाज नहीं है, इसलिए मास्क लगाएं व शारीरिक दूरी का पालन करें। संदेह होने पर तत्काल जांच कराएं। यह कहना है रीजेंसी हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एसके भट्टर का।
उन्होंने बताया कि मधुमेह, हाइपरटेंशन, हृदय रोग एवं मोटे लोगों के लिए कोरोना का संक्रमण सामान्य की अपेक्षा अधिक घातक है। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम होती है। संक्रमण फेफड़े-दिल की मांसपेशियों एवं धमनियों को तेजी से चपेट में लेकर क्षतिग्रस्त करने लगता है। इसलिए दिल में नुकसान का आकलन ट्रोपोनिन के जरिए करते हैं। 30 फीसद मधुमेह रोगी हृदय रोग से भी पीड़ित होते हैं।
देश-विदेश में हुए शोधों से प्रमाणित हो चुका है कि एक तिहाई मधुमेह पीड़ितों में कोरोना गंभीर स्थिति पैदा करता है, अससे आइसीयू में भर्ती करने के साथ वेंटीलेटर सपोर्ट देना पड़ता है। उनकी अनियंत्रित मधुमेह से एक्यूट किडनी डिजीज या किडनी इंजरी से स्थिति और बिगड़ जाती है। मधुमेह नियंत्रित रखें और हाइपोग्लासीमिया व हाइपरग्लासीमिया से बचे रहें।
शोध बताते हैं कि कोरोना के साथ हाइपरटेंशन घातक होता है, जो हृदय रोगियों की मौत का प्रमुख कारण है। ऐसे मरीजों में कोरोना की वजह से आर्टियल हाइपरटेंशन, हार्ट फेल्योर एवं एरिथिमिया (दिल की अनियंत्रित धड़कन) जैसी जटिलाएं होती हैं। कोरोना संक्रमित 8-12 फीसद में दिल की बीमारी के लक्षण आ जाते हैं। दिल क्षतिग्रस्त होने से दूसरी जटिलताएं व सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण उभरते हैं।
मोटापा रोगी कोरोना के हाई रिस्क पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मोटापे को वैश्विवक महामारी मान रहा है। अमेरिका में 30 फीसद मोटापे की चपेट में हैं। साउथ-ईस्ट एशिया में 50 फीसद आबादी ओवरवेट है। मोटे लोग कोरोना के हाई रिस्क पर हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने से संक्रमण होने पर इम्यून सिस्टम बेकाबू होकर शरीर को बचाने वाली कोशिकाओं को डैमेज करने लगता है, जिसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहते हैं।
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इम्यूनिटी बढ़ाएं कोरोना को हराएं
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर कोरोना को हरा सकते हैं। इसलिए नियमित गुनगुने पानी का सेवन, प्रतिदिन प्राणायाम, योग व ध्यान करें। भोजन में खड़ी हल्दी, जीरा, धनिया, लहसुन का प्रयोग करें। सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश (मधुमेह पीड़ित शुगर फ्री) लें। हर्बल टी या तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ, मुनक्का से तैयार काढ़ा नीबू डालकर पीएं। गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर सुबह-शाम सेवन करें। नाक के नथुनों में तिल या नारियल तेल या घी सुबह-शाम लगाएं। गले में खराश या सूखा कफ होने पर पुदीना व अजवाइन डालकर भाप लें। कफ या गले में खराश होने पर शहद के साथ लौंग पाउडर दो-तीन बार लें।