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संक्रमण बढ़ते ही कानपुर में फिर 40 फीसद तक तेज हुई जड़ी-बूटियों की खपत, दामों में खास इजाफा नहीं

कानपुर शहर में कोरोना संक्रमण का ग्राफ फिर बढ़ने लगा है रोजाना सौ से ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर नयायागंज बाजार में तुलसी सोंठ आदि आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की मांग में इजाफा हो गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:39 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 09:39 AM (IST)
संक्रमण बढ़ते ही कानपुर में फिर 40 फीसद तक तेज हुई जड़ी-बूटियों की खपत, दामों में खास इजाफा नहीं
कानपुर के बाजार में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की बिक्री बढ़ गई है।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर बढ़ते ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों की खपत एक बार फिर 40 फीसद तक बढ़ गई है। अक्टूबर माह में यह खपत बहुत कम हो गई है। इसमें गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी पत्ती आदि की मांग बढ़ी है तो मेवा की भी। हालांकि कीमतों में बहुत ज्यादा परिवर्तन इस बीच नहीं हुआ है।

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एक समय था जब शहर में कोरोना संक्रमितों की रोज की संख्या 20 से 25 के करीब आ गई थी लेकिन नवंबर माह में रोजाना कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार सौ से ऊपर ही जा रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी की शाम पांच बजे से अगले शाम पांच बजे तक की रिपोर्ट इसकी लगातार पुष्टि कर रही है। इसके साथ ही ठंड भी बढ़ने लगी है, जिसमें लोगों को खांसी-जुकाम भी हो रहा है। एेसे में ज्यादा से ज्यादा लोग आयुर्वेदिक तरीकों से अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में जुटे हुए हैं।

नयागंज बाजार में इस समय किराना की दुकानों पर मसालों के साथ जड़ी बूटी बेचने वालों के पास तुलसी पत्ती, अश्वगंधा, गिलोय के साथ हल्दी, आंवला, सोंठ, दालचीनी की मांग बढ़ चुकी है। दूसरी ओर मेवा की दुकानों पर बादाम, काजू और छुआरा की मांग बढ़ी है। मई-जून में बादाम की मांग तीन गुना तक बढ़ी थी और बादाम 850 रुपये तक बिका था लेकिन इस समय कीमत 600 रुपये हैं।

  • दीपावली के बाद अचानक फिर गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी पत्ती आदि की मांग बढ़ गई है। पिछले माह जितनी तेजी से मांग गिरी थी, इस समय उतनी ही तेजी से बढ़ी है। करीब 40 फीसद तक मांग दो सप्ताह में बढ़ी है। -हरिकिशन, आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के थोक कारोबारी।
  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं और जड़ी बूूटियां काफी उपयोगी है। काढ़ा एक ही बार लेना चाहिए। दो-तीन बार काढ़ा लेना गलत है। इस समय काढ़ा, गिलोय, अश्वगंधा व मुलेठी काफी उपयोगी हैं। -डाॅ. निरंकार गोयल, सेवानिवृत्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी।
  • गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, हल्दी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं। इस मौके पर अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर प्राकृतिक तरीके से खुद को मजबूती प्रदान करें। गिलोय प्राकृतिक तरीके से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। -डाॅ. अर्पिता सी राज, चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, गीतानगर।

जड़ी बूटी व मसालों की स्थिति (प्रति किलो)

वस्तु : कोरोना से पहले : सितंबर में : नवंबर में

तुलसी पत्ती : 150: 300: 120

अश्वगंधा : 200: 600: 600

गिलोय: 50: 70: 50

हल्दी: 90: 100: 105

सोंठ: 200: 330: 270

दालचीनी: 100: 250: 320

आंवला: 80: 130: 115

मेवा की स्थिति (प्रतिकिलो)

मेवा कोरोना से पहले सितंबर में नवंबर में

बादाम: 620: 600: 600

काजू: 1100:  950: 680

छुआरा: 250: 250: 250


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