Consumer Dispute Redressal Case: अब मालिक को नहीं कह सकते सवारी, दुर्घटना पर मिलेगी क्षतिपूर्ति राशि, जानें- परिवाद का पूरा मामला
Consumer Forum Case मामले पर सुनवाई करते हुए फोरम ने कहा कि ट्रक में सब्जी लदी थी। उनके मालिक आगे बैठे थे। ऐसे में उन्हें सवारियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। फोरम ने आठ फीसद वार्षिक ब्याज के साथ क्षतिपूर्ति धनराशि देने के आदेश दिए हैं।
कानपुर, जेएनएन। ट्रक में लदे सामान का मालिक बैठा है तो उसे सवारी की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। क्षतिपूर्ति के एक वाद में ट्रक में सवारी बैठने के बीमा कंपनी के तर्क को नकारते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष बिकानू राम ने यह अहम तथ्य सामने रखे।
ये है पूरा मामला
जूही के पीली कॉलोनी निवासी मोहम्मद कौसर ने बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंस से ट्रक का बीमा कराया था। एक मई 2008 में हुआ यह बीमा 30 अप्रैल 09 तक वैध था। इसी दौरान 15 जनवरी 2009 को बुलंदशहर के सिकंदरा में एक बस चालक ने लापरवाही से चलाते हुए ट्रक में टक्कर मारी दी। जिससे ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया। कौसर ने क्लेम के लिए बीमा कंपनी को पत्र भेजा जिस पर सर्वेयर ने क्षति का आकलन करते हुए 59,706 रुपये भुगतान की मंजूरी दे दी। बीमा कंपनी ने ट्रक में सवारी बैठे होने की बात कहकर बीमा नहीं दिया था जबकि कौसर का तर्क था कि ट्रक में मटर लदी थी। मटर का मालिक आगे बैठा था। क्लेम का दावा खारिज होने के बाद कौसर ने 2 फरवरी 2010 को जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल किया।
फारेम ने दिया यह तर्क
मामले पर सुनवाई करते हुए फोरम ने कहा कि ट्रक में सब्जी लदी थी। उनके मालिक आगे बैठे थे। ऐसे में उन्हें सवारियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। फोरम ने परिवाद दाखिल होने की तिथि से आठ फीसद वार्षिक ब्याज के साथ क्षतिपूर्ति धनराशि देने के आदेश दिए हैं। पीडि़त को पांच हजार रुपये वाद व्यय भी मिलेगा।