अप्रैल से शुरू होगा लाजिस्टिक पार्क का निर्माण
171 किसानों ने किया भूमि का बैनामा दो माह में 613 किसानों को बंटेगा मुआवजा।
- 171 किसानों ने किया भूमि का बैनामा, दो माह में 613 किसानों को बंटेगा मुआवजा
- 1.33 अरब रुपये मुआवजा का वितरण होना है, तीन गांवों की भूमि ली जा रही है
जागरण संवाददाता, कानपुर : फुफुआर सुईथोक, महराजपुर और हाथीपुर गांव में लाजिस्टिक पार्क की स्थापना का कार्य अप्रैल में शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। कुल तीन गांवों के 784 किसानों की 56.1575 हेक्टेयर भूमि ली जानी है। फिलहाल 171 किसानों ने भूमि का बैनामा कर दिया है। शेष किसानों से दो माह में बैनामा कराने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि निर्धारित अवधि में पार्क की स्थापना का कार्य शुरू हो सके। इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन ने इस पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस पार्क के बन जाने से उद्यमियों और कारोबारियों को माल रखने और दूसरे शहरों को भेजने में आसानी होगी।
कोलकाता से अमृतसर तक इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर की स्थापना कराई जा रही है। इस कारिडोर के स्टेशनों के पास ही औद्योगिक क्षेत्रों और लाजिस्टिक पार्कों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। कुछ जगहों पर डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन खुद ही पार्क स्थापित करेगा। साथ ही निजी क्षेत्र को भी पार्क की स्थापना के लिए प्रेरित करेगा। उन्हें राज्य सरकार की लाजिस्टिक पार्क नीति से जुड़ी जो भी सुविधाएं मिलनी हैं वे मिलें यह भी सुनिश्चित करेगा। इसी कड़ी में नर्वल तहसील के फुफुआर सुईथोक, महराजपुर और हाथीपुर गांव की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। भूमि पर अधिग्रहण पर कुल 1,33,38,56,434 रुपये खर्च होने हैं। कारपोरेशन ने भू अध्याप्ति विभाग को धनराशि आवंटित कर दी है। ऐसे में किसानों से भूमि का बैनामा कराया जा रहा है। 171 किसानों ने आपसी सुलह समझौते के आधार पर बैनामा कर दिया है और करीब 60 करोड़ रुपये का मुआवजा भी बांटा जा चुका है। इन गांवों के लेखपालों से कहा गया है कि वे किसानों के कागजात तैयार कर बैनामे कराते रहें ताकि दो माह में शतप्रतिशत भूमि मिल जाए। वैसे किसी परियोजना में 80 फीसद भूमि मिल जाने के बाद निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन कारपोरेशन की कोशिश है कि शतप्रतिशत भूमि मिल जाने के बाद ही वहां विकास कराए जाएं। कारपोरेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश अग्रवाल का कहना है कि सबकुछ ठीक रहा तो अप्रैल तक वहां काम शुरू करने की तैयारी है।