Congress Foundation Day: राजनीति के चरित्र को लग चुका है दाग, हमने तो जनसेवा के लिए ली थी कांग्रेस की सदस्यता
नेता बनने को अब राजनीतिक पार्टियों से जुड़ रहे लोग। इस अवसर पर निवर्तमान अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कांग्रेस एक राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि आजादी के महानायकों की विचारधारा का संगम है। कार्यक्रम का संयोजन शंकर दत्त मिश्र व संचालन निजामुद्दीन खां ने किया।
कानपुर, जेएनएन। राजनीति के चरित्र को दाग लग चुका है। सेवा नहीं बल्कि नेता बनने के लिए अब लोग राजनीति करते हैं। हमने जनसेवा के लिए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी। जीवन भर कई विधायक, सांसद को चुनाव जिताया लेकिन कभी खुद पद की इच्छा नहीं की। तिलक हाल में रविवार को सम्मान पाकर गदगद हुए बुजुर्ग कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह बात कही। बोले, हमने पार्टी को अपना जीवन दे दिया और कभी कोई पद नहीं चाहा। तिलक हाल में स्थापना दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में जब हमने इन बुजुर्ग कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टटोला तो राजनीति के बदले स्वरूप को उन्होंने बेबाकी से साझा किया।
सम्मान पाकर खुश हुए 51 वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता
कांग्रेस के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर 51 वरिष्ठ कांग्रेसजनों को तिलक हाल में सम्मानित किया गया। पार्टी के प्रति निष्ठा और सेवाभाव के लिए सभी को शॉल पहनाकर प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए।
शहर कांग्रेस कमेटी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 136वां स्थापना दिवस समारोह मना रही है। इसी क्रम में रविवार को 51 वरिष्ठ कांग्रेसजनों का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर निवर्तमान अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कांग्रेस एक राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि आजादी के महानायकों की विचारधारा का संगम है। कार्यक्रम का संयोजन शंकर दत्त मिश्र व संचालन निजामुद्दीन खां ने किया। इस अवसर पर विधायक सुहैल अख्तर अंसारी, पूर्व सांसद राकेश सचान, सरदार कुलदीप सिंह, संजीव दरियाबादी, कमल शुक्ला बेबी, अशोक धानविक, स्वदेश शुक्ला उपस्थित रहे।
इन्होंने रखी अपनी बात
- 1972 में सेवादल के सदस्य की हैसियत से शुरूआत की थी। सीसामऊ संगठन को मजबूत किया और दो विधायक बनाए। वार्ड और नगर के कई पदों पर रहे लेकिन जनसेवा को ही अपना धर्म माना लेकिन आज की राजनीति सेवा नहीं अवसरवादिता की हो गई है। - काजी अजीज उल्ला, बांसमंडी
- हमने राजनीति नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की सेवा की है। उसी का नतीजा था कि कई सांसद विधायक जिता सके। हमेश संगठन में रहकर खुश रहे। लेकिन आज की राजनीति बदल चुकी है। काम पर नहीं प्रचार पर फोकस ज्यादा हो रहा है। - सतीश चंद्र गुप्ता, हूलागंज
- दादा और पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। हमने आजादी देखी इसलिए सेवा का बीड़ा उठा लिया। अब कोई सेवा नहीं करना चाहता। मंच और जनता के बीच बड़ी बड़ी बाते बोलकर लोग नेता बनने को ही अपना शगल समझते हैं। - हाजी मोहम्मद आसिफ, लाटूश रोड
- 18 साल की उम्र से पार्टी के लिए काम किया। आज 73 साल के हो गए हैं। पार्टी ने सम्मान दिया यहीं मेरी पूंजी है। आज तो जनता को धोखा देने की राजनीति हो रही है। झूठ का मजबूती से कहकर ही राजनीति में चमका जा सकता है। - राम लखन ओमर, हरवंश मोहाल