27 नवंबर को अटल घाट पर मां गंगा की महाआरती कराने की हो रही तैयारी
मंडलायुक्त डॉक्टर राजशेखर ने कार्यक्रम स्थल का अवलोकन किया और उसके अनुसार आवश्यक कदम उठाने हेतु सम्बंधित को निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने कहा कि घाट पर पर्यटकों को लुभाने लोगों को गंगा की महिमा से अवगत कराने के उद्देश्य से यहां निरन्तर गंगा आरती का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा
कानपुर, जेएनएन। गंगा नदी कानपुर की जीवन रेखा है और इतिहास, संस्कृति, परंपरा और उद्योग गंगा जी पर बहुत हद तक निर्भर करते हैं। लोगों में स्वच्छ और प्रचुर मात्रा में गंगा के बारे में जागरूक लाने के उद्देश से प्रशासन अटल घाट पर गंगा आरती शुरू करने की योजना बना रहा है। इसी कड़ी में एक ट्रायल के रूप में 27 नवंबर को अटल घाट पर गंगा आरती कराने की योजना है। चूंकि यह एक दिन के लिए प्रारम्भिक ट्रायल है, इसलिए यह आयोजन एक घंटे का होगा और अधिकतम 100 व्यक्तियों के साथ होगा और आवश्यकतानुसार कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी किए जाएगे।
नगर निगम के अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मंडलायुक्त डॉक्टर राजशेखर ने कार्यक्रम स्थल का अवलोकन किया और उसके अनुसार आवश्यक कदम उठाने हेतु सम्बंधित को निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने कहा कि घाट पर पर्यटकों को लुभाने, लोगों को गंगा की महिमा से अवगत कराने के उद्देश्य से यहां निरन्तर गंगा आरती का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
गंगा बैराज का पर्यटन के रूप में विकास किया जाना है। इसके साथ ही इसके आसपास सुनियोजित विकास की योजना तैयार की जा रही है। सुनियोजित विकास के लिए ही गंगा बैराज विकास समिति का गठन किया गया है। इसके लिए नगर निगम, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों के अफसरों को लगाया गया है। अब यहां अनियोजित प्लॉटिंग नहीं हो पाएगी और ना ही बिना नक्शे के मकान बन पाएंगे। इसके साथ ही बैराज की सड़क भी चौड़ी की जाएगी।
40 एकड़ में बनेगा गंगा थीम पार्क
अटल घाट के पीछे ही 40 एकड़ में गंगा थीम पार्क की स्थापना की जानी है। इसके लिए कंसल्टेंट नामित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कानपुर के ऐतिहासिक धार्मिक और गंगा के इतिहास को बताया जाएगा। लाइट एंड साउंड की सुविधा भी होगी। 857 की क्रांति में कानपुर के योगदान को भी दर्शाया जाएगा। उन शहीदों का नाम भी लोग जान सकेंगे, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
कानपुर के इतिहास को दर्शाया जाएगा
बैराज पर ही प्रवेश द्वार बनाया जाएगा, जिस पर कानपुर के इतिहास को दर्शाया जाएगा। बैराज पर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी ताकि संध्या होते ही पूरा बैराज दूधिया रोशनी से नहा उठे। रंग बिरंगी झालर लगाने की भी तैयारी है।