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कानपुर में वाणिज्य कर विभाग ने पकड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा, कागजों में ही बिक गई 25 करोड़ की सुपाड़ी

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड दो जोन वन बृजेश मिश्रा को विभाग की एसटीएफ से जानकारी मिली कि ट्रांसपोर्ट नगर में आदित्य कारपोरेशन नाम की फर्म कहने को सुपाड़ी का कारोबार कर रही है लेकिन वहां कोई कारोबार नहीं होता। फर्म केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के क्षेत्राधिकार में है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 09:45 PM (IST)
कानपुर में वाणिज्य कर विभाग ने पकड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा, कागजों में ही बिक गई 25 करोड़ की सुपाड़ी
सुपाड़ी कारोबारी के यहां छापेमारी की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। वाणिज्य कर विभाग की टीम ने ट्रांसपोर्ट नगर में छापा मारकर कागजों पर 25.51 करोड़ रुपये की सुपाड़ी बेच देने वाली फर्म पकड़ी। हालांकि व्यापार स्थल पर अधिकारियों को कुछ नहीं मिला। कारोबारी दूसरे राज्यों से सुपाड़ी खरीद रहा था और दूसरे राज्यों में ही बेच रहा था। उसने 1.33 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान किया। अधिकारियों ने उसके इलेक्ट्रानिक लेजर में पड़े 18.38 लाख रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) को ब्लाक कर कल्याणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

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एडीशनल कमिश्नर ग्रेड दो जोन वन बृजेश मिश्रा को विभाग की एसटीएफ से जानकारी मिली कि ट्रांसपोर्ट नगर में आदित्य कारपोरेशन नाम की फर्म कहने को सुपाड़ी का कारोबार कर रही है, लेकिन वहां कोई कारोबार नहीं होता। फर्म केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के क्षेत्राधिकार में है लेकिन वाणिज्य कर विभाग इस समय सुपाड़ी, पान मसाला के खिलाफ प्रदेश में अभियान चला रहा है, इसलिए अधिकारियों ने फर्म पर छापा मारा। अधिकारियों ने पाया कि फर्म बहुत अधिक सुपाड़ी की प्रांत के बाहर से खरीदारी दिखा रही थी और उसे प्रांत के बाहर बेच रही थी। दूसरे राज्यों की फर्मों को बिक्री पोर्टल पर तो दिखा रहे थे लेकिन उसका टैक्स अदा नहीं किया जा रहा था। व्यापार स्थल पर भी कोई व्यापार होते नहीं मिला। इसे दिखावे के लिए व्यापार स्थल घोषित किया गया था। पोर्टल पर फर्म के दो साझेदार दिखाए गए हैं। दोनों का पता पश्चिम बंगाल का है। फर्म के कागजों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11.72 करोड़ व 2021-22 में 13.79 करोड़ की सुपाड़ी बेची गई थी लेकिन वाणिज्य कर विभाग के रिकार्ड के मुताबिक इसका टैक्स नहीं आया। वाणिज्य कर अधिकारियों ने पंजीयन निरस्त करने के लिए सीजीएसटी के अधिकारियों को सूचना दी है। 

इनका ये है कहना: 

फर्म असम, पश्चिम बंगाल और दिल्ली से सुपाड़ी की खरीद दिखा रही थी और पश्चिम बंगाल व गुजरात को बिक्री दिखा रही थी। पश्चिम बंगाल की उसी फर्म को वापस बिक्री दिखाई गई, जिससे सुपाड़ी खरीदी था। खरीद, बिक्री से जुड़ी सभी कंपनियों की आइटीसी ब्लाक करने के लिए उनके राज्यों को पत्र लिखा है।  - बृजेश कुमार मिश्रा, एडीशनल कमिश्नर, ग्रेड दो, जोन वन, वाणिज्य कर विभाग। 


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