60 साल बाद वाणिज्य कर विभाग को मिला अपना टैक्स
एडीशनल कमिश्नर ने बताया 1960 के आसपास से बाकी था - नीलामी के बाद विभाग को एनसी
जासं, कानपुर : वाणिज्य कर विभाग को आखिर छह दशक से फंसा अपना टैक्स मिल ही गया। 1.7 करोड़ रुपये की यह बड़ी राशि विभाग को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से मिली है। एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन वन पीके सिंह के मुताबिक नागरथ पेंट का मामला एनसीएलटी में चल रहा था। विभाग को इस कंपनी से 6.34 करोड़ रुपये टैक्स लेना था। यह टैक्स 1960-61 से 1995-96 के बीच का है। कंपनी का इस दौरान लगातार टैक्स बढ़ता रहा। बाद में कंपनी एनसीएलटी में चली गई। विभाग ने अपने बकाया टैक्स को लेकर एनसीएलटी और लिक्विडेटर को लिखित जानकारी दी और बताया कि उन्हें इस कंपनी से 6.34 करोड़ रुपये चाहिए। एडीशनल कमिश्नर के मुताबिक कंपनी की नीलामी हुई। इसके बाद जितना धन मिला, उसमें वाणिज्य कर विभाग का शेयर 1.7 करोड़ रुपये मिला है। अभी विभाग को ब्याज का भी कुछ धन मिलना बाकी है। इसके लिए भी प्रयास चल रहे हैं।