Move to Jagran APP

आपकी सेहत की देखभाल करेंगे कपड़े, बताएगा दिल का हाल

यूपीटीटीआइ के विशेषज्ञ कर रहे शोध, फसलों के अवशेषों से तैयार कपड़ों पर लगेंगे इलेक्ट्रोड्स और विशेष सेंसर, मोबाइल पर आएगा धड़कन का ब्योरा।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 12:13 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 12:13 PM (IST)
आपकी सेहत की देखभाल करेंगे कपड़े, बताएगा दिल का हाल
आपकी सेहत की देखभाल करेंगे कपड़े, बताएगा दिल का हाल
कानपुर (शशांक शेखर भारद्वाज)। अब कपड़ा आपके दिल का हाल बताएगा। इसमें लगे इलेक्ट्रोड्स और खास तरह के सेंसर मोबाइल पर हार्ट बीट की जानकारी देंगे। उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (यूपीटीटीआइ) सेहत की देखभाल करने वाला कपड़ा तैयार कर रहे हैं। इसके लिए सरकार से 42 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। कपड़े को दो साल के अंदर तैयार करने का लक्ष्य है। यह प्रोजेक्ट दीनदयाल योजना के अंतर्गत चलेगा। उत्पाद का पेटेंट कराया जाएगा।
इस तरह करेगा काम
केमिस्ट्री और टेक्सटाइल विभाग मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। केमिस्ट्री के प्रो. शुभंकर मैती पॉली पाईरोल (आर्गेनिक पॉलीमर) पर शोध कर चुके हैं। यह इलेक्ट्रो कंडक्टिव (इलेक्ट्रो प्रवाहकीय) होता है। इसमें मेटल आयंस को परिवर्तित करने की क्षमता रहती है। कॉटन या पॉलीएस्टर के कपड़ों पर इसकी लेयङ्क्षरग की जाएगी। साथ ही इलेक्ट्रोड्स और विशेष तरह के सेंसर लगाए जाएंगे। इन सेंसर को मोबाइल से अटैच किया जाएगा।
फसलों के अवशेषों का होगा उपयोग
संस्थान के विशेषज्ञ फसलों के अवशेषों को उपयोग में लाएंगे। प्रोजेक्ट में इलेक्ट्रो कंडक्टिविटी देखी जाएगी। उनके साथ ऐसे पॉलीमर्स मिक्स किए जाएंगे, जो शरीर को नुकसान न पहुंचाए। यह कपड़े सीने से पूरी तरह से चिपके रहेंगे। जिससे हार्ट बीट पता चलती रहे।
आइआइटी से ली जाएगी मदद
प्रोजेक्ट में सेंसर को मोबाइल से कनेक्ट कराने के लिए आइआइटी से मदद ली जाएगी। कितनी धुलाई तक सेंसर और इलेक्ट्रोड्स सक्रिय रहते हैं, उसकी भी जांच हो सकेगी।
खुशबू संग इंफेक्शन का खतरा दूर
टेक्सटाइल विभाग एंटीबायोटिक कपड़े तैयार करेगा। यह छोटे बच्चों या जल्दी जल्दी बीमार पडऩे वाले लोगों के लिए रहेगा। इसमें खुशबू आएगी, इसे पहनने से इंफेक्शन का खतरा काफी कम होगा। घमौरियों की समस्या दूर हो सकेगी। अभी इसमें दिक्कत आ रही है कि यह कितना समय तक कारगर रहेगा। दो तीन धुलाई में ही गुणवत्ता खराब हो जा रही है।
मोबाइल रेडिएशन का खतरा होगा कम
शर्ट या पैंट की जेब में मोबाइल रखने से होने वाले नुकसान को कम करने की तरकीब भी प्रोजेक्ट में विशेषज्ञ खोजेंगे। ऐसी जेब बनाई जाएगी, जिसमें रेडिएशन का खतरा न के बराबर रहेगा। यूपीटीटीआइ के निदेशक प्रो. मुकेश सिंह ने बताया कि संस्थान को दीनदयाल योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट मिला है। केमिस्ट्री और टेक्सटाइल विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे कपड़े तैयार किए जाएंगे, जिनसे दिल का हाल मिल सकेगा। इस काम में आइआइटी से भी मदद ली जा सकती है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.