Ambulance कर्मियों से City Magistrate बोले... बात नहीं मानी जो जाना पड़ेगा जेल, एंबुलेंस कर्मी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हुए बेहोश
ambulance workers strike नारेबाजी के बीच एंबुलेेंस कर्मी एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह गस खा कर गिर पड़े। सिटी मजिस्ट्रेट ने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजकुमार गुप्ता से हड़ताल पर बैठे एंबुलेंस कर्मियों की सूची बनाकर उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की तहरीर देने को कहा।
फर्रूखाबाद, जेएनएन Ambulance workers strike : प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर हड़ताल पर बैठे एंबुलेेंस कर्मियों, को समझाने बुझाने के लिए सीएमओ डॉ. सतीश चंद्रा, सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्य पुलिस फोर्स के साथ लोहिया अस्पताल स्थित धरनास्थल पर पहुंचे। एंबुलेंस कर्मियों, ने मांगे पूरी होने पर ही हड़ताल खत्म करने की बात पर अड़ गए। इस दौरान अधिकारियों ने एंबुलेेंस की चाभियां जमा करने को कहा। कर्मियों, ने जब इन्कार किया तो सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हेंं जेल भेजने की धमकी दी। इस पर एंबुलेंस कर्मी भड़क गए। पुलिस कर्मियों से उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई। नारेबाजी के बीच एंबुलेेंस कर्मी एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह गस खा कर गिर पड़े। सिटी मजिस्ट्रेट ने लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजकुमार गुप्ता से हड़ताल पर बैठे एंबुलेंस कर्मियों, की सूची बनाकर उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने की तहरीर देने को कहा।
समर्थन देने गए सपाइयों को पुलिस ने खदेड़ा : हड़ताल पर बैठे एंबुलेेंस कर्मियों को समर्थन देने के सपा के मीडिया प्रभारी मंदीप यादव, मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के कार्यकर्ताओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। पुलिस ने उन्हेंं खदेड़ दिया।
फतेहपुर में सीएचसी-पीएचसी में लौटी एंबुलेंस, पर हड़ताल बरकरार : एंबुलेंस की चल रही हड़ताल को रात में प्रशासन ने खत्म करा दिया और विज्ञान भवन में एकत्रित सभी एंबुलेंस को सीएचसी-पीएचसी में पहुंचा दिया, ताकि मरीजों, घायलों को एंबुलेंस सुविधा मिल सके, लेकिन बुधवार की सुबह एंबुलेंस संगठन ने नया निर्णय लिया और एंबुलेंस सीएचसी-पीएची में खड़ी कर लखनऊ कूच कर दिया। जिले से 220 कर्मचारी लखनऊ चले गए हैं इसलिए वाहन अस्पतालों में पहुंचने के बाद भी सेवा शुरू नहीं हो पाई। एंबुलेंस संगठन के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने कहा कि उनके संगठन जुड़े सभी कर्मचारी लखनऊ जा रहे हैं, अंतिम निर्णय वहीं लिया जाएगा। प्रशासन यदि चाबी व सीयूजी नंबर मांगेगा तो उसे सौंपा जाएगा। फिलहाल चाबी व सीयूजी नंबर चालकों के पास ही है।