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यूपी समेत सात राज्यों वाला सीआइआरसी का चुनाव आज, कानपुर को फिर पद की आस

देश के सात राज्यों के चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रतिनिधियों के काउंसिल में अबतक कानपुर के दो सदस्य हैं साथ ही सीआइआरसी के 11 और आइसीएआइ के छह वोट भी शहर में हैं। तीन वर्ष के कार्यकाल में अंतिम साल फिर पद की उम्मीद।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 08:50 AM (IST)
यूपी समेत सात राज्यों वाला सीआइआरसी का चुनाव आज, कानपुर को फिर पद की आस
आइसीएआइ के सात राज्यों में है सीआइआरसी।

कानपुर, जेएनएन। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) के सात राज्यों में फैली सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (सीआइआरसी) की नई कमेटी का चुनाव 28 फरवरी को है। इसका मुख्यालय कानपुर में है, इसलिए चुनाव भी यहीं होता है। इस कमेटी में कानपुर के दो सदस्य अतुल मेहरोत्रा और अभिषेक पांडेय हैं। काउंसिल के तीन वर्ष के कार्यकाल में पहले वर्ष अभिषेक पांडेय सचिव बने थे तो वर्तमान में अतुल मेहरोत्रा उपाध्यक्ष हैं। कानपुर को इस तीसरे व अंतिम वर्ष भी एक पद की उम्मीद है।

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आइसीएआइ की तरह ही सीआइआरसी के चुनाव भी हर तीन वर्ष में होते हैं। वर्ष 2018 के दिसंबर में हुए चुनाव में 11 सदस्य चुने गए थे। इन सदस्यों के बीच ही हर वर्ष पदाधिकारियों का चयन होता है। सीआइआरसी में उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान राज्य शामिल हैं। अतुल मेहरोत्रा पहले वर्ष ही गाजियाबाद के मुकेश बंसल के सामने अध्यक्ष पद पर खड़े हुए थे। हालांकि उन्हें पराजय मिली थी, मगर अभिषेक पांडेय सचिव बने थे।

पिछले वर्ष हुए चुनाव में अतुल मेहरोत्रा सीआइआरसी के उपाध्यक्ष बने थे। चुनाव में सभापति, उपाध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष के पद पर चुनाव होता है। जो अध्यक्ष बनता है वह छात्रसंघ सभापति को अपनी तरफ से मनोनीत करता है। इस चुनाव में सीआइआरसी के 11 वोटों के अलावा सीआइआरसी के क्षेत्र से चुने गए आइसीएआइ के छह सदस्य भी वोट डाल सकते हैं। इस तरह कुल 17 वोट डाले जाते हैं, लेकिन इस चुनाव को 17 वोट के हिसाब से छोटा नहीं माना जाना चाहिए।

वास्तव में ये लोग 50 हजार से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्होंने इन्हें सदस्य चुना है। कानपुर से सीआइआरसी में अंतिम सभापति दीप कुमार मिश्रा थे। अब एक बार फिर सभी पदों पर मैदान में उतरने का रास्ता खुल गया है। चुनाव के लिए शनिवार को ही सातों राज्यों से सदस्य शहर आने लगे।  


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