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Chitrakoot Jail Gangwar: रिश्ते में मुख्तार का भांजा था मेराज, पढ़िए-चित्रकूट जेल में क्या हो सकती गैंगवार की वजह

मेराज अली पहले माफिया मुन्ना बजरंगी का करीबी रहा था फिर पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के साथ आ गया था। चित्रकूट जेल में मेराज और मुकीम के बीच करीबी बढ़ती देखकर अंशु को नगवार गुजर रहा था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 10:29 AM (IST)
Chitrakoot Jail Gangwar: रिश्ते में मुख्तार का भांजा था मेराज, पढ़िए-चित्रकूट जेल में क्या हो सकती गैंगवार की वजह
माफिया मुख्तार अंसारी का खास था मेराज अली।

कानपुर, [शिवा अवस्थी]। शातिर अपराधी मेराज अली पर पूर्वांचल के माफिया विधायक मुख्तार अंसारी की मेहरबानी ही चित्रकूट के रगौली स्थित जिला जेल में गैंगवार की वजह बन गई। वह पहले मुन्ना बजरंगी का करीबी रहा था। तीन साल पहले उसकी हत्या के बाद मुख्तार के गैंग में शामिल हुआ था।

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उससे पहले तक अंशु दीक्षित गैंग के शार्प शूटरों में शुमार था, लेकिन मेराज के आने के बाद से उसे तवज्जो मिलनी कम हुई तो वह रंजिश मानने लगा था। इसी बीच दोनों ही चित्रकूट जेल की बैरक में अलग-अलग हिस्सों में आ गए। यहां पर मेराज ने पश्चिमी उप्र के शातिर अपराधी मुकीम से करीबी बढ़ा ली थी। इसकी खुन्नस भी अंशु को थी। यही वजह रही कि शुक्रवार सुबह जब नाश्ते के लिए हाल में पहुंचने पर मेराज ने मुकीम काला की कोई बात उसे बताई तो उसने अस्थायी बैरक पहुंचकर पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर पहले मुकीम और फिर लगे हाथ मेराज की भी हत्या कर दी। मूलरूप से सीतापुर निवासी अंशु रेलवे के माफिया ठेकेदारों के लिए काम करता था। माफिया मुख्तार का हाथ सिर पर आने के बाद वह ताबड़तोड़ वारदातें करने लगा तो उसका खास बन गया था।

सितंबर 2018 में मुख्तार गैंग से जुड़ा था मेराज

प्रदेश की बागपत जिला जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की नौ जुलाई 2018 को हत्या होने के बाद मेराज मुख्तार अंसारी का करीबी बन गया था। इससे पहले वह मुन्ना बजरंगी के लिए काम करता था। मेराज के दूर के रिश्ते में भांजा होने के कारण मुख्तार को उस पर ज्यादा भरोसा था। मूलरूप से गाजीपुर निवासी मेराज ने मुख्तार का दामन थामने के बाद कई हत्याएं कीं। शार्प शूटर होने, बिरादरी के साथ रिश्तेदारी में आने के कारण वह कुछ ही दिन में मुख्तार की नाक का बाल बन गया था। यह बात अंशु को नागवार गुजरने लगी थी। जेल में आने से पहले भी कई बार दोनों के बीच झड़पें हुईं, लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर शांत करा दिया जाता रहा। हालांकि, मुख्तार की मेराज पर बढ़़ती मेहरबानी के कारण उसके दुश्मन बने अंशु ने आखिरकार शुक्रवार सुबह चित्रकूट जेल में उसे मौत के घाट उतार ही दिया।

पश्चिमांचल, पूर्वांचल, हरियाणा और पंजाब तक आतंक

गैंगवार में मारे गए मुकीम, मेराज के साथ ही पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए अंशु ने पूर्वांचल व पश्चिमांचल के माफियाओं के लिए कई हत्याएं की थीं। मुकीम अपने भाई वसीम काला के साथ पंजाब और हरियाणा तक वारदातें करता था। सहारनपुर, शामली, मेरठ से लेकर आसपास के जिलों में दोनों भाइयों की दहशत थी।


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