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Chitrakoot Jail Gangwar: मोबाइल फोन पर बात करते हुए अंशु ने ढेर किए थे दोनों कुख्यात

चित्रकूट जेल में बंद कुख्यात शॉर्प शूटर अंशु दीक्षित खुद के मोबाइल फोन और जेल के पीसीओ से पूरा नेटवर्क संचालित कर रहा था। पुलिस अगर समय पर उसे ढेर नहीं करती तो वह कई और को मार सकता था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 04:51 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 04:51 PM (IST)
Chitrakoot Jail Gangwar: मोबाइल फोन पर बात करते हुए अंशु ने ढेर किए थे दोनों कुख्यात
जेल में पिस्टल लहराते घूमा था अंशू दीक्षित।

चित्रकूट, जेएनएन। जिला जेल में हुए गैंगवार का बड़ा राजफाश एक अफसर और सुरक्षा कर्मियों ने किया है। कैराना पलायन के मुख्य आरोपित दुर्दांत मुकीम काला और माफिया मुख्तार के रिश्ते के भांजे व करीबी मेराज अली को ढेर करते समय शार्प शूटर अंशु दीक्षित मोबाइल फोन पर बात करते हुए अपशब्द बोल रहा था।

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दोनों को मारने के बाद काफी देर तक जेल परिसर में पिस्टल लहराते हुए घूमता रहा और फोन पर किसी से बातचीत में खुद को जल्द बाहर निकलवाने की बात को लेकर जिद पर अड़ा दिखा। बंधक बनाए पांच कैदियों को जब उसने मान मनौव्वल के बाद छोड़ा तो पुलिस ने घेरकर उसे मौत के घाट उतार दिया। उसके पास से घटना के समय इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है, लेकिन यह राज दबा लिया गया। बताते हैं, बंधक कैदियों पर पिस्टल ताने अंशु के चंगुल से उन्हें तरकीब से छुड़ाया नहीं जाता तो वह कई और को मार सकता था।

बंदी रक्षकों में नहीं थी पास जाने की हिम्मत : जेल के एक बंदी रक्षक के मुताबिक, हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद अंशु का रौद्र रूप देखकर किसी की उसके पास जाने के हिम्मत नहीं पड़ी थी। उस पर खून सवार था। एक जेल अफसर ने बताया कि वो वारदात को अंजाम देने से पहले खुद के फोन से किसी के साथ बातचीत में ढेर किए गए अपराधियों को लेकर उन्मादी विवादित टिप्पणियां कर रहा था। वह लगातार जेल के पीसीओ से भी बेरोकटोक बातें करता था। गैंगवार के करीब एक घंटे बाद पहुंचे अधिकारी अंशु का खूनी खेल देखकर डर गए थे। हर कोई बंधक बनाए गए कैदियों की जान बचाने को फिक्रमंद था।

पहले दो, फिर तीन बंधक छोड़े थे : एक जेल अधिकारी के मुताबिक, काफी मान मनौव्वल के बाद उसने पहले दो कैदियों को छोड़ा था। फिर करीब आधा घंटा तक तीन कैदियों को लेकर बैरक में ही बैठा रहा। बार-बार उन्हें मार डालने की धमकी दे रहा था। जब उसको नहीं मारने का आश्वासन दिया गया तो उसने दूसरे कैदियों को रिहा किया। सभी कैदियों के चंगुल छूटने के बाद उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा गया तो उसने पुलिस पर फायङ्क्षरग शुरू कर दी। उसके पास गोलियों का जखीरा था। अफसर ने कहा कि अंशु को मारा नहीं जाता तो वह कई और को मार डालता।

न्यायिक जांच बताएगी हकीकत : गैंगवार और मुठभेड़ के अंदरूनी राज न्यायिक जांच से और सामने आएंगे। अफसरों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई रिपोर्ट की सच्चाई भी क्रास चेकिंग में पता चलेगी। जेल प्रशासन ने न्यायिक जांच के लिए डीएम को पत्र लिखा हैै।


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