उरई: लोगों से निवेश कराकर चिटफंड कंपनी भागी, 50 करोड़ की ठगी का अनुमान
करीब सौ मुकदमे दर्ज होने के बाद भी 25 कंपनियां जालौन में रहीं संचालित क्राइम ब्रांच में जांच पहुंचने के बाद कसा शिकंजा एसपी ने बताया कि प्रभावी तरीके से कराई जाएगी मामले की जांच प्रबंधकों को गिरफ्तार करने की कोशिश जारी
उरई, जेएनएन। कम समय में रकम दो गुना करने के लालच में फंसाकर जिले में कई चिटफंड कंपनियों ने लाेगों से निवेश करा लिया। गरीब एवं मध्यम वर्ग के से एजेंटों ने कंपनी की शर्तों को स्वीकार करते हुए लालच में आकर निवेश तो कर दिया, लेकिन जब भुगतान का समय आया तो कंपनी भाग गई। एक समय जनपद में करीब 25 कंपनियां संचालित हो रहीं थीं, खुलेआम कंपनियां ठगी का खेल करती रहीं और अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। अब हालत यह कि जनपद में सौ से अधिक मुकदमे धोखाधड़ी कर भागी कंपनियों के एजेंटों व प्रबंधकों के विरुद्ध दर्ज कराए जा चुके हैं, परंतु गरीबों की पाई पाई कर जुटाई गई कमाई को हड़पने बड़े मुख्य ठगों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है।
जिस पैमाने पर कंपनी जिले से भागी हैं। उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 50 करोड़ से अधिक की ठगी केवल जनपद जालौन से हुई है, खुलेआम आॅफिस खोलकर ठगी का खेल करने वाली कंपनियों पर प्रशासन ने कभी हाथ डालने की जहमत नहीं उठाई। जिसके चलते उनका नेटवर्क बढ़ता गया। हालांकि अब कई कंपनियों पर कानूनी शिकंजा कसा है। निवेशकों द्वारा करीब सौ मुकदमे दर्ज कराये जा चुके हैं, परंतु कंपनियों के एमडी दूसरे राज्यों के होने की वजह से उन तक पहुंच पाना पुलिस के लिए कठिन हो रहा है। बड़े मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। इसके बाद कंपनियों के प्रबंधकों को गिरफ्तार करने की कोशिश की रही है। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह का कहना है कि चिट फंड कंपनियों से जुड़े मुकदमों की प्रभावी तरीके से जांच कराई जा रही है। जिससे ठगों गिरफ्तार कर जेल पहुंचाया जा सके।