बुजुर्गो संग बच्चों ने दिल खोलकर सौंपी समर्पण निधि
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान के साथ जुट रहे शहरवासी ।
जागरण संवाददाता, कानपुर : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान में सोमवार को जहां बुजुर्गों ने दिल खोलकर दान दिया वहीं बच्चे भी पीछे नहीं रहे। किदवई नगर की बुजुर्ग पुष्पा देवी गुप्ता ने जहां एक लाख एक हजार रुपये का दान दिया, वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह की पौत्रियों ने 51 हजार और 5100 रुपये की राशि समर्पित की।
स्वर्गीय बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह राम मंदिर आंदोलन में कई बार जेल गए थे। उनके पुत्र वीरेंद्र जीत सिंह लगातार संघ के कार्यों को विस्तार दे रहे हैं। तीसरी पीढ़ी के रूप में नीतू सिंह सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। सोमवार को परिवार की चौथी पीढ़ी के रूप में नीतू सिंह की बड़ी बेटी वसुंधरा ने 51 हजार रुपये का चेक दिया। छोटी पुत्री वारिधि ने भी अपनी बचत से 5100 रुपये की राशि दी। इस अवसर पर उनकी दादी नंदिता सिंह के अलावा विभाग संघचालक डा. श्याम बाबू गुप्ता, प्रांत सह कार्यवाह भवानी भीख, जिला प्रचारक संतोष, कुटुंब प्रबोधन के विभाग प्रमुख डॉ. विवेक सिंह, डॉ. अंशु सिंह सेंगर मौजूद रहे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के प्रांतीय प्रचार प्रसार प्रमुख ओमेंद्र अवस्थी के मुताबिक किदवई नगर के ब्लॉक में बुजुर्ग पुष्पा देवी गुप्ता ने एक लाख एक हजार रुपये की समर्पण निधि व्यवस्था प्रमुख संजय को सौंपी। विश्व बैंक बर्रा में संदीप ठाकुर ने 2.55 लाख और श्याम नगर के राम बहादुर यादव ने 51 हजार रुपये की राशि संघ पदाधिकारी गौरांग और प्रेम अरोड़ा को सौंपी। कानपुर प्रांत के अंतर्गत आने वाले जालौन, बांदा जिलों और ग्रामीण अंचलों में भी जनजागरण के लिए सोमवार को रैलियां निकाली गई। हर टोली का अलग पासवर्ड, दी जा रही ऑनलाइन ट्रेनिग: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान में पूरी तरह पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए हैं। कौन सी टोली कितना धन एकत्र कर रही है, यह जानने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था है। हर टोली के जमा प्रमुख का अलग पासवर्ड है और उसे निधि जमा करने के लिए उनके घर के पास की कोई एक खास शाखा आवंटित की गई है। इसके लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
विश्व हिदू परिषद निधि एकत्र करने और उन्हें जमा करने के लिए हर टोली में एक जमा प्रमुख भी रख रहा है। जमा प्रमुख को 48 घंटे के अंदर धनराशि जमा करनी होगी। जिस क्षेत्र की टोली होगी, उसे उसी क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा की कोई एक शाखा आवंटित की जा रही है। जमा प्रमुख अपने पासवर्ड से ही बैंक में धन जमा कर सकेंगे। इस पासवर्ड की जानकारी बैंक प्रबंधक के पास भी रहेगी। इसमें एक व्यवस्था यह भी रहेगी कि जब तक उस टोली को दी गई एक रसीद के सभी पन्ने इस्तेमाल नहीं कर लिए जाएंगे, तब तक दूसरी रसीद नंबर का पैसा जमा नहीं होगा। इससे व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। इस व्यवस्था में केंद्रीय स्तर पर पदाधिकारी पता कर सकेंगे कि किस टोली के जमा प्रमुख ने कितनी राशि जमा की। सामान्य कार्यकर्ताओं के लिए पैसा एकत्र करना तो आसान है, लेकिन बैंक में पासवर्ड के जरिए जमा करना मुश्किल है। इसलिए उनका ऑनलाइन प्रशिक्षण चल रहा है। कानपुर प्रांत में हर जिले में 100-100 लोगों प्रशिक्षण दिया जाना है। 15 जनवरी से शुरू हुआ प्रशिक्षण अभी तीन दिन और चलने की उम्मीद है।
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अभियान को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण चल रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि किस तरह पासवर्ड के जरिए बैंक में धन जमा करना है।
- दीनदयाल गौड़, प्रांतीय अभियान प्रमुख, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समर्पण निधि।