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एनजीसी की बैठक : यूपी-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और बिहार के डिप्टी सीएम ने कही ये बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समक्ष बैठक में मां गंगा के लिए नए एक्शन प्लान पर चर्चा की मुख्य बातें।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 04:28 PM (IST)
एनजीसी की बैठक : यूपी-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और बिहार के डिप्टी सीएम ने कही ये बातें
एनजीसी की बैठक : यूपी-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और बिहार के डिप्टी सीएम ने कही ये बातें

कानपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर आकर नेशनल गंगा काउंसिल की पहली बैठक में नमामि गंगे मिशन के कार्यों की समीक्षा की। इसके साथ ही गंगा व सहायक नदियों के लिए नए एक्शन प्लान की जानकारी ली। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बिहार के डिप्टी सीएम ने भी अपने-अपने राज्यों में गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए अबतक के कार्यों और भविष्य के कामों की जानकारी दी।

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यूपी के 32 शहरों में बने 104 एसटीपी

बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर कानपुर में गंगा निर्मल हो गई हैं तो पूरी धारा निर्मल हो जाएगी। उन्होंने बताया कि गंगा का सर्वाधिक प्रवाह क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। इसलिए नमामि गंगे को सफल बनाने की सर्वाधिक जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश की है। इस परियोजना पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। 32 शहरों में 104 एसटीपी का निर्माण हुआ है, जिसकी शोधन क्षमता कुल 3,298 एमएलडी है। फिलहाल यहां सीवरेज 2,248 एमएलडी ही आता है। इन्हीं कार्यों का परिणाम रहा कि प्रयागराज में हुए कुंभ में 24 करोड़ से अधिक लोगों ने निर्मल व अविरल गंगा में स्नान किया।

कुंभ में 155 नालों का शोधन हुआ। पूरा कुंभ ओडीएफ रहा। इसके लिए नमामि गंगे के सहयोग से 1.22 लाख से अधिक सामुदायिक शौचालय बनवाए गए थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि आठ मार्च को कानपुर में सीसामऊ नाले के इंटरसेप्शन और डायवर्जन कार्य का लोकार्पण हुआ। इससे एशिया के बड़े नालों में शामिल इस नाले से अब एक भी बूंद गंदा पानी गंगा में नहीं जाता। यह सारा पानी अब ट्रीट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद इस नाले पर सेल्फी ली और यह उनके जीवन का स्वर्णिम पल था।

उत्तराखंड में अगले साल गंगा पूरी तरह निर्मल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दावा किया कि उनके राज्य में अगले साल गंगा पूरी तरह निर्मल हो जाएंगी। बोले, उत्तराखंड में वैसे तो गंगा निर्मल हैं, लेकिन थोड़ी बहुत जो कमियां हैं, नवंबर तक सभी नालों को टैप करके खत्म कर दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने बातचीत में कहा कि गंगा निर्मल और अविरल रहें, इसके लिए नमामि गंगे के तहत तेजी से कार्य हो रहा है।

उत्तराखंड के 57 प्रतिशत नाले टैप हो चुके हैं। पांच नाले इसी माह टैप हो जाएंगे, जबकि चार नाले शेष बचेंगे जिन्हें जल्द टैप कर दिया जाएगा। गंगा में नालों या नालियों का पानी नहीं जाए, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानपुर में भी गंगा साफ हो चुकी हैं। उन्होंने सीसामऊ नाले के लिए कहा कि यहां के सबसे बड़े नाले को बंद कर दिया गया है। गोमुख से गंगा सागर तक श्रद्धालुओं को निर्मल जल मिलेगा।

बाढ़ से बचाने के लिए बने राष्ट्रीय गाद नीति

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में कहा कि बिहार में गंगा सहित अन्य नदियों में गाद बाढ़ की बड़ी वजह है। इससे बचाने के लिए राष्ट्रीय गाद नीति बनाई जाए। कहा, नमामि गंगे के तहत पटना के नौ सीवरेज प्रोजेक्ट सहित राज्य के 22 शहरों में 5,186 करोड़ रुपये की लागत से 28 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। पटना के बेऊर और करमलीचक में एसटीपी का काम पूरा हो गया है। बाकी शहरों में दिसंबर 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बिहार के सभी 142 नगर निकायों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों में बहाने की जगह नमामि गंगे परियोजना की तर्ज पर एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क का निर्माण कर शोधित करने की मांग की।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि एसटीपी से शोधित जल को नदी में नहीं बहाया जाएगा। इसकी जगह उसका उपयोग कृषि कार्य में किया जाएगा। नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे के 12 जिलों को जैविक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने के लिए 155.88 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। भोजपुर, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना के 103 क्लस्टर में जैविक खेती का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि सुल्तानगंज-कहलगांव तक के सात किलोमीटर के विस्तार को विक्रमशिला गंगेय डॉल्फिन सेंचुरी घोषित किया गया है। उनके मुताबिक वर्ष 2018-19 में बिहार की नदियों में 1,455 डॉल्फिन पाई गई थीं। बिहार सरकार जल्द ही पटना विश्वविद्यालय में डॉल्फिन शोध संस्थान स्थापित करेगी।


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