अब पूरे वर्ष मस्ती से खाइए छोले-भठूरे
जागरण संवाददाता, कानपुर : छोले-कुल्चे, छोले-भटूरे के दीवानों की कानपुर में कोई कमी नहीं है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : छोले-कुल्चे, छोले-भटूरे के दीवानों की कानपुर में कोई कमी नहीं है। शायद ही कोई ऐसी पार्टी हो जिसमें छोले ना बनाए जाते हों। शहर में करीब-करीब सभी मोहल्लों में छोले-भटूरों के ठेले लगते हैं जहां दिनभर इनका लुत्फ उठाने वालों की भीड़ लगी रहती है। अब इन दीवानों के लिए खुशखबरी है। देश में जबरदस्त उत्पादन की वजह से काबुली चने (छोले) की कीमतें तेजी से गिरी हैं। फरवरी में इसकी जो कीमतें थीं, उनमें 45 फीसद तक कमी आ गई है। हालत यह है कि दालों के कारोबार के बीच सिरमौर के रूप में रहने वाले काबुली चने की स्थिति उनके आसपास ही आ गई है।
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यहां से आता काबुली चना
काबुली चने का आयात मैक्सिको, टर्की, ईरान से होता है। इसके साथ ही देश में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में भी इसका उत्पादन होता है।
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देश में उत्पादन बढ़ने का असर
फरवरी में काबुली चने की कीमत थोक बाजार में 120 रुपये किलो थी जो इस समय 65 रुपये किलो के आसपास आ गई है।
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धुली मूंग के बराबर कीमत
काबुली चने की कीमत इस समय धुली मूंग के बराबर हो गई है। धुली मूंग की कीमत भी 65 रुपये किलो है और काबुली चने की कीमत भी इतनी ही है।
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दाल मिल कारोबारी नितिन गुप्ता कहते हैं कि अच्छी उपज के बाद काबुली चना बाजार में तेजी से आ रहा है, इसकी वजह से कीमतें गिर रही हैं।