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गाजियाबाद-नोएडा की रजिस्ट्रियों से भी डाटा लेकर की थी ठगी, मुल्जिम बनेंगे जेल गए आरोपित

पिछले माह क्राइम ब्रांच ने फतेहपुर व सजेती के रहने वाले तीन साइबर अपराधियों शिवम अभय पांडेय और सौरभ को गिरफ्तार किया था जो आनलाइन अपलोड की जाने वाली रजिस्ट्री का डाटा चोरी करके लोगों के खातों से पैसा निकाल रहे थे।

By Akash DwivediEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 10:05 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 10:05 AM (IST)
गाजियाबाद-नोएडा की रजिस्ट्रियों से भी डाटा लेकर की थी ठगी, मुल्जिम बनेंगे जेल गए आरोपित
अब क्राइम ब्रांच उन जिलों की पुलिस से संपर्क कर रही

कानपुर, जेएनएन। स्टांप एवं पंजीयन विभाग की वेबसाइट से रजिस्ट्री का डाटा लेकर लोगों के खातों से पैसे निकालने वाले शातिरों ने नोएडा व गाजियाबाद में भी लोगों को शिकार बनाया था। पीडि़तों ने वहां मुकदमे दर्ज कराए हैं। अब क्राइम ब्रांच उन जिलों की पुलिस से संपर्क कर रही है।

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पिछले माह क्राइम ब्रांच ने फतेहपुर व सजेती के रहने वाले तीन साइबर अपराधियों शिवम, अभय पांडेय और सौरभ को गिरफ्तार किया था, जो आनलाइन अपलोड की जाने वाली रजिस्ट्री का डाटा चोरी करके लोगों के खातों से पैसा निकाल रहे थे। ये आरोपित रजिस्ट्री से आधार कार्ड का नंबर व थंब इंप्रेशन लेकर फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे और बैंक प्रतिनिधि बनकर रजिस्ट्री कराने व करने वालों के खातों से पैसा निकाल रहे थे। जांच में पता लगा है कि आरोपितों ने गाजियाबाद व नोएडा की भी कई रजिस्ट्री का डाटा लेकर इसी तरह खेल किया था। पीडि़तों ने वहां मुकदमे भी दर्ज कराए थे। जानकारी मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम अब उन जिलों में दर्ज मुकदमों का ब्योरा निकलवा रही है, पीडि़तों से भी संपर्क करेगी। नोएडा और गाजियाबाद में दर्ज मुकदमों में आरोपितों को बतौर मुल्जिम शामिल किया जाएगा। इसके बाद गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।

स्टांप एवं पंजीयन विभाग को पत्र भेजेगी पुलिस : आनलाइन रजिस्ट्री में ग्राहक व विक्रेता का जरूरी डाटा साइबर अपराधियों के हाथ नहीं लग सके, इसे रोकने के लिए पुलिस अधिकारी अब स्टांप एवं पंजीयन विभाग से पत्राचार करेंगे। कोशिश की जा रही है कि रजिस्ट्री स्कैन करके आनलाइन अपलोड की जाए तो बैनामा करने और कराने वाले के खाते, आधार और थंब इंप्रेशन की सूचना सार्वजनिक न हो। इससे ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहेगी। डीसीपी ने बताया कि पिछले दिनों जो साइबर अपराधी पकड़े गए, उन्होंने रजिस्ट्री का डाटा चुराया था। डाटा उन्हेंंं आनलाइन मिला था। विभाग से पत्राचार करके डाटा सार्वजनिक होने से रोकने की कोशिश की जाएगी। 


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