रिश्तों की डोर पर सांसद चौ. सुखराम सिंह का 'समाजवाद', समर्थकों में शिवपाल की पैरवी
विधान परिषद के सभापति रहे राज्यसभा सदस्य सुखराम ङ्क्षसह यादव अब शिवपाल को अतिथि बनाने के बाद अब खुली पैरोकारी का कदम बढ़ा रहे हैं।
कानपुर (जेएनएन)। खांटी समाजवादी के जामे में सियासत का लंबा सफर तय कर चुके सांसद चौ. सुखराम सिंह का 'समाजवाद' अब नई कसौटी पर है। सैफई कुनबे में चाचा-भतीजे के गरमागरम माहौल में खामोशी से साइकिल चलाते रहे चौधरी के लिए सेक्युलर मोर्चा बनने के बाद अब शायद पुराने रिश्ते-वफाओं के इम्तिहान का वक्त है। अब राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह अपने निर्णय को भले ही नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव के फरमान के अधीन बताएं, लेकिन पहले अपने घर शिवपाल को अतिथि बनाने के बाद अब समर्थकों के बीच खुली पैरोकारी का कदम उठाकर सपाइयों का माथा ठनका जरूर चुके हैं।
पिता की पुण्यतिथि पर नया सियासी आगाज
विधान परिषद के सभापति रहे राज्यसभा सदस्य सुखराम ङ्क्षसह यादव व उनके परिवार का आसपास जिलों तक की राजनीति में खासा प्रभाव है। पिता चौ. हरमोहन सिंह यादव की पुण्यतिथि में नए सियासी आगाज का संकेत उन्होंने सेक्युलर मोर्चा गठित करने वाले शिवपाल सिंह यादव को मुख्य अतिथि बनाकर दिया। कुछ चर्चा तो तब शुरू हुई थी। उसके बाद रविवार को सांसद सुखराम सिंह सेक्युलर मोर्चा के ग्रामीण जिलाध्यक्ष शिवमोहन सिंह चंदेल, देहात जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा से लेकर पहले ही शिवपाल के हमराह बन चुके सपा ग्रामीण के पूर्व जिला महामंत्री विनोद प्रजापति आदि के साथ घाटमपुर में भ्रमण को निकले।
क्षेत्र के गांव अकबरपुर झवैया, गांव रेउना और गांव सरैया में भी पहुंचे। इन सभी ठिकानों पर चौ. सुखराम ने शिवपाल व सेक्युलर मोर्चा के साथ अपनी प्रतिबद्धता जताई। साथ ही यह कहने से नहीं चूके कि वह जो कुछ भी हैं, उसमें नेताजी मुलायम ङ्क्षसह व शिवपाल ङ्क्षसह यादव का ही योगदान है। राज्यसभा सदस्य चौ. सुखराम सिंह यादव कहते हैं कि मेरे रिश्ते पूरे परिवार के साथ समान हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि हमें बनाने वाले नेताजी मुलायम सिंह यादव ही हैं। वह जो आदेश देंगे, मैं उसी के अनुसार निर्णय लूंगा। हां, ग्रामीण क्षेत्र में कुछ कार्यक्रम लगे थे, उनमें गया था।