रूमा औद्योगिक क्षेत्र में भी चार एमएलडी का सीईटीपी बनेगा, नया प्लांट लगने से बढ़ेंगी डाइंग और टेक्सटाइल से जुड़ी यूनिटें
रूमा औद्योगिक क्षेत्र में खाद्य कलर अगरबत्ती धूप बत्ती टेक्सटाइल ब्लीचिंग एंड डाइंग के साथ ही केमिकल से जुड़े कई अन्य उद्योग भी हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र में ब्लीचिंग एंड डाइंग के 31 प्लाट हैं। इनमें से 26 प्लाट आवंटित हो चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। रूमा औद्योगिक क्षेत्र में भी चार एमएलडी के एक कामन इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की स्थापना की उद्यमियों की वर्षों पुरानी मांग जल्द ही पूरी होगी। इस औद्योगिक क्षेत्र में भी .75 एमएलडी का एक ट्रीटमेंट प्लांट संचालित हो रहा है, जबकि चार एमएलडी के प्लांट की आवश्यकता है। कम क्षमता का प्लांट होने की वजह से ही यहां डाइंग के साथ ही केमिकल उपयोग से जुड़ी नई इकाइयों की स्थापना नहीं हो पा रही है। दैनिक जागरण ने पिछले दिनों ये मुद्दा उठाया था। साथ ही यहां टूटी सड़क, जल निकासी की समस्या भी प्रमुखता से प्रकाशित की थी। अब यहां टूटी सड़क को बनाने और जल निकासी के प्रबंध की तैयारी के साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की कवायद शुरू की जा रही है।
रूमा औद्योगिक क्षेत्र में खाद्य कलर, अगरबत्ती, धूप बत्ती, टेक्सटाइल, ब्लीचिंग एंड डाइंग के साथ ही केमिकल से जुड़े कई अन्य उद्योग भी हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र में ब्लीचिंग एंड डाइंग के 31 प्लाट हैं। इनमें से 26 प्लाट आवंटित हो चुके हैं। 22 इकाइयां यहां ब्लीचिंग एंड डाइंग की स्थापित भी हो गई हैं लेकिन, 15 इकाइयां चल रही है। इसी तरह टेक्सटाइल के 231 भूखंड हैं लेकिन, आवंटित 217 हैं पर इससे जुड़ी इकाइयों की संख्या अभी 106 हैं। यहां इकाइयां स्थापित करने को उद्यमी तैयार हैं, प्लांट की क्षमता कम होने से कुछ उद्योगों की स्थापना को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति नहीं मिल पाती है। यही वजह है कि रूमा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष बद्री प्रसाद गुप्ता की ओर से प्रस्ताव उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को दिए गए हैं। उन्होंने अभियंत्रण विभाग को प्रोजेक्ट का परीक्षण करने के लिए कहा है। जल्द ही इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी और उसे मंजूरी दी जाएगी। अध्यक्ष बद्री प्रसाद गुप्ता का कहना है कि प्रस्ताव दिया जा चुका है। यह प्लांट स्थापित होते ही यहां बड़े पैमाने पर इकाइयां स्थापित होंगी।