सीबीएसई बोर्ड इंटर के छात्रों के लिए करा सकता है आंतरिक प्रायोगिक परीक्षा, संयोजकों से मांगे गए सुझाव
सिटी कोआर्डिनेटर से मांगे हैं इस बाबत सुझाव स्कूलों से सीधे अंक बोर्ड को भेजे जाएंगे। अकाउंट बिजनेस स्टडीज समेत अन्य विषयों में 30 तो भौतिक व रसायन विज्ञान में 20 अंकों की परीक्षा। अगर प्रायोगिक परीक्षा स्कूल में होगी तो छात्रों पर मानसिक रूप से दबाव कम होगा।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी को देखते हुए कुछ माह पहले सीबीएसई बोर्ड ने छात्रों को राहत देते हुए उनके पाठ्यक्रम में 25 से 30 फीसद की कटौती कर दी थी। अब बोर्ड ने उनके प्रैक्टिकल को लेकर प्रारूप बदलने की तैयारी कर ली है। देशभर से सिटी कोआर्डिनेटर से यह पूछा गया है कि अगर छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा बाहरी परीक्षकों से कराने के बजाए आंतरिक परीक्षकों से ही करा दी जाए तो कैसा रहेगा? इस संबंध में अधिकतर सिटी कोआर्डिनेटर का मानना है कि अगर प्रायोगिक परीक्षा स्कूल में होगी तो छात्रों पर मानसिक रूप से दबाव कम होगा। हालांकि उन्हें अपनी ठोस तैयारी ही करनी होगी।
अकाउंट में 30 और भौतिक में 20 अंकों की होती है परीक्षा
गुरु नानक मॉडर्न स्कूल में अकादमिक इंचार्ज विवेक अवस्थी ने बताया कि 12वीं के छात्रों के लिए अकाउंट, बिजनेस स्टडीज समेत अन्य विषयों में 30 तो वहीं भौतिक, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान समेत कुछ विषयों में 20 अंकों की परीक्षा होती है। छात्र अगर अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें पूरे अंक भी दिए जाते हैं।
इनका ये है कहना
कोरोना महामारी को देखते हुए बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा में बदलाव करने का कदम उठाने की तैयारी की है। सभी संयोजकों से सुझाव मांगे गए हैं। पूरी संभावना है, कि छात्रों को स्कूल में ही आंतरिक तौर पर परीक्षा देनी होगी। - बलविंदर सिंह, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई