मनीष गुप्ता हत्याकांड में CBI ने दाखिल की चार्जशीट, घटना में शामिल पुलिस कर्मियों को बनाया आरोपी
Manish Gupta Murder Case केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने मनीष गुप्ता हत्याकांड में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें उन सभी छह पुलिस कर्मियों को हत्या का आरोपी बनाया गया है जो कि गोरखपुर कांड में शामिल थे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Manish Gupta Murder Case प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में सीबीआइ की चार्जशीट में हत्या को लेकर क्या घटनाक्रम दर्ज है, यह तो आने वाले दिनों में सामने आएगा, लेकिन माना यही जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी एसआइटी (विशेष जांच दल) की जांच पर ही आगे बढ़ी। एसआइटी की जांच में साफ तौर पर कहा गया था कि पुलिस वालों ने मनीष गुप्ता की बर्बरता के साथ पिटाई की थी। मनीष के सिर में चोट गिरने से नहीं लगी थी, बल्कि पुलिस वालों ने उनके सिर को बाल पकड़कर दीवारों पर टकराया था। उनकी जमकर पिटाई भी हुई थी।
मनीष गुप्ता हत्याकांड में सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआइ को अपनी जांच में क्या मिला, इसका राज चार्जशीट के तथ्य सामने आने के बाद ही खुल सकेगा, लेकिन एक बात तय है कि सीबीआइ पूर्व की एसआइटी जांच पर ही आगे बढ़ी। एसआइटी भी यही मानकर चल रही थी कि मनीष गुप्ता की पुलिस वालों ने हत्या की है। असल में एसआइटी की जांच में जो राज सामने आए थे, वह बेहद चौकाने वाले हैं। सीबीआइ जांच के चलते एसआइटी से जुड़े अफसरों ने मुंह सिल रखा था, मगर चार्जशीट दायर होने के बाद एसआइटी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दैनिक जागरण के साथ जांच के ङ्क्षबदुओं को साझा किया।
उनके मुताबिक पुलिस होटल में वसूली के उद्देश्य से गई थी। उनका इरादा तो हत्या का नहीं था, लेकिन मनीष गुप्ता ने जब सवाल जवाब किए तो गोरखपुर के थाना रामगढ़ ताल के तत्कालीन इंसपेक्टर जगत नारायण ङ्क्षसह का पारा चढ़ गया। एसआइटी ने अपनी जांच में पाया था कि जगत नारायण ङ्क्षसह बहुत ही जल्दी आपा खोने वाला पुलिस अधिकारी था। उसने आपा खो दिया। उसने मनीष के बाल अपने हाथ से पकड़ा और होटल के कमरे की दीवारों से कई बार लड़ाया। दीवार से सिर इतनी तेज टकराया कि उसका सिर फूट गया। दीवारों में मिले खून के धब्बे इस बर्बरता की गवाही दे रहे हैं। एसआइटी को होटल के कमरे की फर्श, दीवार के अलावा, लिफ्ट, सीढिय़ों के अलावा पुलिस की जीप और यहां तक पुलिस वालों के डंडों में भी खून की मौजूदगी मिली थी। माना यह भी गया कि कमरे में मनीष की डंडों से भी पुलिस वालों ने तब भी पिटाई की, जब उसका सिर फूट चुका था।
जिन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा, उनमें ही चार्जशीट : सीबीआइ ने उन्हीं धाराओं में आरोपित पुलिस वालों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिनमें मुकदमा दर्ज हुआ था। केवल एक राय होकर घटना को कोरित करने की धारा 34 की बढ़ोत्तरी पुलिस ने की है।