कानपुर में Black Fungus की दवाओं की कालाबाजारी, कैट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजा पत्र
कानपुर शहर में ब्लैक फंगस की दवाओं की कालाबाजारी शुरू होने पर कैट के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर दवाएं अपनी निगरानी में लेने की अपील की है। वहीं हैलट में इंजेक्शन न मिलने से मरीजों का बुरा हाल है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस दवाओं की किल्लत होने लगी है। कोरोना की तरह इनकी भी कालाबाजारी हो रही है, इसलिए केंद्र सरकार ब्लैक फंगस से संबंधित सभी दवाओं को अपनी निगरानी में ले ताकि मरीजों को ये दवाएं आसानी से मिल सकें। वहीं हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है और इंजेक्शन न मिलने से लगातार हालत बिगड़ती जा रही है।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पदाधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र भेजा है। कैट के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोड़ा ने कहा कि रेमडेसिविर के बाद अब ब्लैक फंगस इंजेक्शन की बाजार में किल्लत हो गई है। इसकी कालाबाजारी की आशंका है, इसलिए ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले सभी इंजेक्शन की आपूर्ति केंद्र सरकार तुरंत अपने नियंत्रण में ले।
राज्य सरकारों के जरिए इन इंजेक्शनों की आपूर्ति सीधे अस्पतालों में की जाए, जिससे जो जरूरतमंद मरीज हो उसे ही यह इंजेक्शन मिल सके। ये इंजेक्शन इस समय बाजार में नहीं मिल रहे। इसलिए कालाबाजारी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। पंकज के मुताबिक ये इंजेक्शन अभी तक केवल निर्यात किए जाते थे। भारत में मांग बहुत कम थी। ब्लैक फंगस की वजह से इन इंजेक्शन की मांग अचानक बढ़ी है।