Move to Jagran APP

कोविड को लेकर स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही, कानपुर के सरकारी के अस्पतालों की सारी तैयारियां आधी-अधूरी

मेडिसिन विभाग की तरफ एक आक्सीजन जनरेशन प्लांट सीएसआर से जेके ग्रुप ने लगाने की इच्छा जताई है। उसके लिए अभी तक महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा से अनुमति नहीं मिल सकी है। प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि तेजी से कार्य चल रहा है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 11:19 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:19 AM (IST)
कोविड को लेकर स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही, कानपुर के सरकारी के अस्पतालों की सारी तैयारियां आधी-अधूरी
शासन ने 15 अगस्त तक सभी आक्सीजन जनरेशन प्लांट को स्थापित कर क्रियाशील करने का निर्देश दिया

कानपुर, जेएनएन। कानपुर में कोरोना की दूसरी लहर ने किस कदर आतंक मचाया था, ये बात तो हर एक शहरवासी जानता है। शायद ही कोई हो, जिसका कोई मिलना वाला इस महामारी में बचा हो। इन सबके बाद भी शहर का स्वास्थ्य महकमा लगातार लापरवाही बरते जा रहा है। जैसे मानो कोरोना बीते वर्ष की बात हो गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार तीसरी लहर अगस्त-सितंबर में है, लेकिन आप शहर के अस्पतालों की तैयारी देख लें, तो लगेगा ही नहीं कि यहां पर कुछ दिनों पहले कई ने तड़प-तड़प कर इलाज के अभाव में दम तोड़ा था। अस्पतालों में कोरोना से निपटने की तैयारी आधी-अधूरी है। एलएलआर, उर्सला और कांशीराम अस्पताल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लग सके हैं। शासन ने 15 अगस्त तक सभी आक्सीजन जनरेशन प्लांट को स्थापित कर क्रियाशील करने का निर्देश दिया है।

loksabha election banner

एलएलआर में लगने हैं पांच प्लांट, सिर्फ एक ही शुरू : कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत को देखते हुए एलएलआर अस्पताल में पांच आक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की निर्णय लिया गया है। उसमें से सिर्फ मेटरनिटी विंग का प्लांट जो सीएसआर से अमेरिकन कंपनी ने लगवाया है, वह शुरू हो गया है। पीएम केयर फंड से इमरजेंसी में डीआरडीओ का प्लांट लगाया गया है। उस प्लांट को अभी तक इमरजेंसी की आक्सीजन पाइप लाइन से नहीं जोड़ा जा सका है। इसी तरह न्यूरो साइंस सेंटर का प्लांट शासन से मिलना है, लेकिन अभी तक आया ही नहीं है। मेडिसिन विभाग की तरफ एक आक्सीजन जनरेशन प्लांट सीएसआर से जेके ग्रुप ने लगाने की इच्छा जताई है। उसके लिए अभी तक महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा से अनुमति नहीं मिल सकी है। प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि तेजी से कार्य चल रहा है। नियमित शासन-प्रशासन के स्तर से मानीटरिंग भी हो रही है।

आक्सीजन पाइप लाइन भी नहीं : एलएलआर अस्पताल में 1200 बेड हैं, लेकिन कोविड में 350 बेड का ही इस्तेमाल होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई थी। हालांकि वार्ड 5 से वार्ड 12 तक आक्सीजन पाइप लाइन नहीं है। इस पर मंडलायुक्त की पहल पर जिला प्रशासन 1.80 करोड़ रुपये से आक्सीजन एवं सक्शन पाइप लाइन लगवा रहा है। इसके लिए टेंडर भी हो गया है, लेकिन कार्य नहीं शुरू हुआ है। इसी तरह मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल में भी आक्सीजन जनरेशन प्लांट व आक्सीजन पाइप का कार्य होना है।

उर्सला व कांशीराम में तेजी से कार्य : उर्सला अस्पताल के इनडोर ब्लाक में भी दूसरा आक्सीजन जनरेशन प्लांट लग चुका है। चिकित्सा अधीक्षक डा. एके सिंह का कहना है कि दो-तीन दिन में ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है। इसी तरह कांशीराम अस्पताल में आक्सीजन जनरेशन प्लांट का टैंकर आ चुका है। सीएमएस डा. दिनेश सचान का कहना है कि तीन दिन में जनरेशन प्लांट की मशीन भी आने की उम्मीद है। उसके बाद असेंबल से लेकर कनेक्शन का कार्य होना है। उन्होंने एक सप्ताह में प्लांट शुरू होने की उम्मीद जताई है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.