कैंसर मरीजों को अब नहीं भेजा जाएगा हैलट, जीएसवीएम की पहल पर जेके कैंसर संस्थान में बनेगा आइसीयू
छह बेड का बनेगा आइसीयू वेंटीलेटर भी लगाए जाएंगे। आइसीयू के नोडल अफसर व आइसीयू इंचार्ज भी नामित। मरीजों की समस्या से अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता को अवगत कराया था।
कानपुर, जेएनएन। कैंसर जैसी घातक बीमारी से जंग लड़ रहे मरीजों की सुविधा के लिए खुशखबरी है। जटिलता होने पर अब गंभीर कैंसर रोगियों को लेकर उनके स्वजन को भटकना नहीं पड़ेगा। राजकीय जेके कैंसर संस्थान में ही भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की पहल पर कैंसर संस्थान में छह बेड का आइसीयू बनाने की तैयारी शुरू है। इसके लिए जिला प्रशासन एवं मंडलायुक्त ने भी सहमति प्रदान कर दी है। प्राचार्य ने सभी तैयारी कर संस्थान में एक सप्ताह में आइसीयू शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
पहले आइसीयू में भर्ती करने के लिए भेजा जाता था हैलट
राजकीय जेके कैंसर संस्थान में गंभीर कैंसर पीडि़तों को जब आइसीयू की जरूर पड़ती थी तो वहां से हैलट भेज दिया जाता था। हैलट के मेडिसिन आइसीयू में भर्ती कर इलाज किया जाता था। हैलट में कैंसर विशेषज्ञ नहीं होने से इलाज प्रबंधन में दिक्कत होती थी। यहां के डॉक्टर उनकी समस्या नहीं समझ पाते थे। इस समस्या को देखते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने राजकीय जेके कैंसर संस्थान के निदेशक को संस्थान में ही आइसीयू शुरू करने का निर्देश दिया है। मरीजों की समस्या से अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता को अवगत कराया था। मरीजों की समस्या को देखते हुए शासन ने भी आइसीयू शुरू कराने का निर्देश दिया है।
नोडल अफसर व आइसीयू इंचार्ज नामित
प्राचार्य ने जेके कैंसर संस्थान में आइसीयू की तैयारी के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एनस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा को नोडल अफसर बनाया है। संस्थान के डॉ. जितेंद्र वर्मा को आइसीयू इंचार्ज बना दिया है। इन दोनों की देखरेख में आइसीयू की तैयारी की जा रही है।
इनका ये है कहना
छह बेड का आइसीयू एक सप्ताह में शुरू करने जा रहे हैं। आइसीयू शुरू कराने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एनस्थेसिया विभागाध्यक्ष को नोडल अफसर बनया है। इससे शासन से लेकर जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है। आइसीयू के लिए वेंटीलेटर एवं डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। ताकि आगे चलकर दिक्कत न आने पाए। - प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।