तीन जनवरी तक खत्म होगा नहर सफाई का काम, कानपुर दक्षिण के लोगों को कुछ दिन और झेलना होगा जलसंकट
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता यासीन खान ने बताया कि लोग नहर में इतना कूड़ा डालते हैं कि हर बार नहर में पानी चलने पर बाहर आने लगता है। तीन जनवरी तक काम खत्म होने की अंतिम तिथि है।
कानपुर, जेएनएन। सिंचाई विभाग द्वारा हुलवाखांडा नहर में पिछले सात दिनों से सिल्ट निकालने का काम चल रहा है। इसको तीन जनवरी तक खत्म किया जाना है। इसके बाद पांच जनवरी तक नहर से पानी गुजैनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में आएगा। अभी तक गुजैनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद है। इस वजह से तीन लाख लोगों को पानी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता यासीन खान ने बताया कि लोग नहर में इतना कूड़ा डालते हैं कि हर बार नहर में पानी चलने पर बाहर आने लगता है। इस वजह से पानी बंद करके सिल्ट निकालने का काम चल रहा है। तीन जनवरी तक काम खत्म होने की अंतिम तिथि है। इसके बाद नहर में पानी चालू किया जाएगा। दो दिन बाद पानी गुजैनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंच जाएगा।
इनका ये है कहना
जलकल के अधिशासी अभियंता कुमार गौरव ने बताया कि नहर से पानी आने की वजह से 2.8 करोड लीटर जलापूर्ति बाधित है। जलनिगम की लाइन से पानी लेकर एक समय ही दक्षिण क्षेत्र के तीन लाख लोगों को पानी दिया जा रहा है।
गोविंदनगर कच्ची बस्ती में नहीं पहुंच पाता पानी
शास्त्री चौक स्थित वॉल्व खोलकर पानी जलकल की लाइन में जाता है। इस वजह गोविंदनगर कच्ची बस्तियों में जाने वाले पानी का प्रेशर बहुत कम हो जाता है। इस वजह से वहां के लोगों को परेशानी होती है।
लापरवाही की सीमाएं तोड़ रहे लोग
सिंचाई विभाग के सीटीआई नहर में कोई कूड़ा न डाले इसके लिए बड़ा जाल लगवा दिया है। इसके बाद भी लोग उसमें कूड़ा डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। नहर को सबसे ज्यादा आसपास रहने वाले दूषित कर रहे हैं। लोगों ने घरों की पाइप नहर में डाली हुई है।