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10 नवंबर को घाटमपुर उपचुनाव के परिणाम आने के बाद संगठन में बदलाव कर सकती है बसपा

एक बार 1996 और फिर 2007 में पार्टी ने यहां जीत का परचम लहराया था। इसके बाद के चुनाव में पार्टी तमाम प्रयास के बाद भी नहीं जीत सकी। इसके बाद पार्टी ने सरोज कुरील को मैदान में उतारा तब सपा के इंद्रजीत कोरी ने उन्हें हराया था।

By ShaswatgEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 09:32 AM (IST)
10 नवंबर को घाटमपुर उपचुनाव के परिणाम आने के बाद संगठन में बदलाव कर सकती है बसपा
बसपा ने पुखरायां के कुलदीप संखवार को मैदान में उतारा ।

कानपुर, जेएनएन। सियासी उठापटक के बीच जैसे तैसे घाटमपुर विधानाभा सीट पर उपचुनाव संपन्न हुए। 10 नवंबर को नतीजे आने के बाद नौबस्ता गल्ला मंडी में मतों की गणना होगी। मतगणना की तैयारियों के साथ ही राजनीतिक दल भीतरघात करने वालों की तलाश में जुटे हुए हैं। इन सबके बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव परिणाम आने के बाद बसपा अपनी संगठन में फेरबदल कर सकती है ।

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लापरवाहों पर हो सकती है कार्रवाई

 बहुजन समाज पार्टी ने कुलदीप संखवार को प्रत्याशी बनाया है। कुलदीप का टिकट होते ही एक कोऑर्डिनेटर ने  विरोध भी किया था तो उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल दिया गया था। बसपा को इस सीट पर जीत की उम्मीद है। पार्टी चुनाव जीतने के बाद कुछ कार्यकर्ताओं को विभिन्न पदों पर तैनात कर सकती है। साथ ही जो लापरवाह हैं उन पर कार्रवाई भी होगी। इन्होंने अंदरखाने दूसरे दल के उम्मीदवार की मदद की है उन्हें पार्टी से निकाला जाएगा।बसपा इस सीट को दो बार जीत चुकी है । एक बार 1996 और फिर 2007 में पार्टी ने यहां जीत का परचम लहराया था। इसके बाद के चुनाव में पार्टी तमाम प्रयास के बाद भी नहीं जीत सकी। 2012 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी। इसके बाद पार्टी ने सरोज कुरील को मैदान में उतारा तब सपा के इंद्रजीत कोरी ने उन्हें हराया था और फिर 2017 के चुनाव में सरोज कुरील भाजपा की कमल रानी वरुण के हाथों हार गईं। कमल रानी वरुण के निधन से रिक्त इस सीट पर चुनाव हो रहा है। बसपा ने पुखरायां के कुलदीप संखवार को मैदान में उतारा । उन्हें हर का सूखा खत्म होने की उम्मीद है। 

एजेंट की तैनाती शुरू

प्रशासन ने मतगणना की तैयारियां शुरू कर दी हैं । नौबस्ता गल्ला मंडी में उन शेडों को चिन्हित कर लिया गया है जहां पर मतगणना के लिए टेबल लगाए जाने हैं। शनिवार तक टेबल लगा दिए जाएंगे। इसके साथ ही राजनीतिक दलों से मतगणना एजेंटों के नाम मांगे गए हैं ताकी जो पास जारी होने हैं तत्काल जारी कर दिए जाएं। अब प्रत्याशियों को तय करना है कि प्रत्येक टेबल पर उनका एजेंट कौन होगा।


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