कानपुर में आपदा के दौर में शिक्षकों के लिए खुशखबरी, BSA ने शुरू की सकारात्मक पहल
तमाम कर्मी संक्रमित हुए तो उन्होंने घर पर ही डरे-सहमे रहते हुए अपना इलाज कराया। इस बीच बीएसए ने सभी शिक्षकों को वाट्सएप से मैसेज भेजा कि जिस शिक्षक का जो भी देयक विभाग में बाकी हो वह मैसेज कर दे।
कानपुर, जेएनएन। आपदा के इस दौर में एक ओर जहां माध्यमिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षक व कर्मी समय से वेतन नहीं मिल पाने के चलते बेहद परेशान हैं। तो वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षकों व कर्मियों के लिए बीएसए की ओर से की गई सकारात्मक पहल बेहद मददगार रही। दरअसल, मतगणना के बाद विभाग के कई शिक्षकों के कोरोना संक्रमण से मौत की खबरें जब सामने आईं तो हरएक का दिल पसीज गया।
तमाम कर्मी संक्रमित हुए तो उन्होंने घर पर ही डरे-सहमे रहते हुए अपना इलाज कराया। इस बीच, बीएसए ने सभी शिक्षकों को वाट्सएप से मैसेज भेजा, कि जिस शिक्षक का जो भी देयक विभाग में बाकी हो वह मैसेज कर दे। दो से तीन दिनों के अंदर ही बीएसए के पास लगभग 300 श्क्षिकों ने अपने देयकों का मैसेज भेजा है। जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वह सभी को वेतन व अन्य मद की जो भी राशि है वह मुहैया करा रहे हैं। बीएसए डॉ.पवन तिवारी ने कहा, कि वह महामारी में किसी की व्यक्तिगत मदद नहीं कर सकते तो कम से कम इसी तरह सहायता कर रहे हैं।
पहली सैलरी मिली तो खिल गए चेहरे : मुश्किल भरी घड़ी में इस समय सभी परेशान हैं। सभी के खर्च भी बढ़े हैं। ऐसे में शासन के एक फैसले ने उन शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी, जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही ज्वाइनिंग ली थी। जिले के लगभग 300 शिक्षकों (सभी 69000 शिक्षक भर्ती) को शासन से पहली सैलरी भेजी गई। इन शिक्षकों की जानकारी भी शासन से मांगी गई थी।