बुढ़ापे की लाठी तो नहीं बेटा बना जान का दुश्मन, चापड़ से रेतकर बूढ़ी मां को उतारा मौत के घाट
कानपुर देहात के अकबरपुर कोतवाली अंतर्गत रामगंज गांव में वृद्धा की हत्या के बाद सनसनी फैल गई पुलिस ने बेटे से पूछताछ शुरू की तो वह पहले इधर उधर की बातें करता रहा लेकिन बाद सख्ती करने पर हत्या कबूल कर ली।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर देहात अकबरपुर के रामगंज में दिल दहला देने वाली घटना से लोग सहम गए। जिस बेटे को नौ माह कोख में रखने के बाद पालकर बढ़ा किया वह बुढ़ापे की लाठी तो नहीं बना बल्कि जान का दुश्मन जरूर बन गया। बेटे ने चापड़ से कई ताबड़तोड़ वारके करके बूढ़ी मां को मौत के घाट उतार दिया, वारदात की जानकारी पर गांव में सनसनी फैल गई। एसपी समेत पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंच गई और जांच के बाद आरोपित बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं।
रामगंज गांव निवासी 80 वर्षीय नसीरन मकान में बेटे मासूम उसकी पत्नी सन्नो व दो बच्चों संग रहती थी। बुधवार की सुबह नसीरन का रक्तरंजित शव मकान के बाहर चारपाई पर पड़ा मिला। उनके सिर पर चापड़ से कई वार किए गए थे। हत्या की वारदात से गांव में सनसनी फैल गई और ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बेटे मासूम से पूछताछ शुरू की। इसपर उसने मकान के अंदर परिवार के साथ सोने और कुछ भी पता नहीं होने की बात कही।
मासूम की बातचीत से पुलिस को शक हुआ तो कड़ाई से पूछताछ शुरू की। पुलिस सख्ती के आगे मासूम टूट गया और चापड़ से मां की हत्या करने की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि उसका भाई मुश्ताक भी है, जो बारा में रहता है। कई बार गांव का मकान नाम करने के लिए मां से कहा लेकिन वह नहीं मान रही थी। इसपर उसने सोचा कि हत्या कर देने पर मकान उसे मिल जाएगा, इसलिए उसने मां को मार दिया। गांव पहुंची एसपी केशव चौधरी ने भी पूछताछ की। उन्होंने बताया कि बेटे ने मां की हत्या की स्वीकारोक्ति की है। वह शराब का लती है और उससे अभी पूछताछ की जा रही।