Hamirpur Double Murder: दोस्त बने जानी दुश्मन, पूर्व प्रधान और बेटे की जान जाने के बाद गांव में सन्नाटा
हमीरपुर में पूर्व प्रधान और बेटे की हत्या में नामजद आरोपित कभी आपास गहरे दोस्त होते थे और एक साथ किए अपराधों में दर्ज मुकदमों में भी साथ नामजद हैं जो अदालत में विचाराधीन चल रहे हैं ।
हमीरपुर, जेएनएन। राठ कोतवाली क्षेत्र के ददरी गांव में दोस्त ही आपस में जानी दुश्मन बन गए। दुश्मनी ऐसी हुई कि मंगलवार देर शाम हुए खूनी संघर्ष में एक पक्ष ने पूर्व प्रधान और उसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया और दूसरे बेटे की गोली लगने से हालत गंभीर हो गई। इस वारदात के बाद गांव में तनाव का माहौल व्याप्त है और भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। बुधवार सुबह भी पुलिस अफसरों ने गांव पहुंचकर जांच की है।
दुश्मनी में बदली गहरी दोस्ती
ददरी गांव में रहने वाले पूर्व प्रधान पृथ्वीराज यादव और कपिल काफी गहरे दोस्त थे। दोस्ती ऐसी थी कि प्रधानी के चुनाव में विरोधियों से साथ बैर लेने में पीछे नहीं हटते थे। इसी वजह से दर्ज हुए अपराधिक मुकदमों में दोनों साथ नामजद रहे हैं। बताते हैं कि 20 माह पहले 22 जनवरी 2019 को चुनावी रंजिश को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, इसमें एक दर्जन लोग घायल हुए थे। इस मामले में पूर्व प्रधान पृथ्वीराज यादव और कपिल एक पक्ष से नामजद हुए थे। ग्रामीण बताते हैं कि कपिल और पृथ्वीराज में आपसी तालमेल अच्छा था और हर मामले में साथ रहते थे।
ताबड़तोड़ गोलियों से पिता-पुत्र को भूना
गहरी दोस्ती कब दुश्मनी में बदलती गई, इसे गांव वाले भी समझ नहीं पाए। मंगलवार की शाम उस समय दहशत छा गई जब एक पक्ष ने घात लगाकर पूर्व प्रधान और उसके बेटे को गोलियों से भून दिया। पुलिस के अनुसार मंगलवार शाम पूर्व प्रधान पृथवीराज का बड़ा बेटा जितेंद्र यादव और छोटा बेटा धीरेंद्र यादव खेत से घर लौट रहे थे। घर के बाहर से गुजरते समय पहले से घात लगाए कपिल, संजय, राम सेवक, प्रदीप और दो अन्य ने घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की अावाज सुनकर पूर्व प्रधान पिता भी बेटों को बचाने आ गए। ताबड़तोड़ फायिरंग में गोली लगने से पिता व दोनों बेटे लहूलुहान होकर गिर पड़े। फायरिंग से गांव में दहशत फैल गई और घरों के दरवाजे बंद हो गए।
गांव आई पुलिस ने संभाले हालात
सूचना पर पुलिस के आने से पहले हमलावर फरार हो गए। गोली लगने से पृथ्वीराज और उनके बेटे जितेंद्र की मौत हो चुकी थी। स्वजन धीरेंद्र को जिला अस्पताल लेकर गए, जहां पुलिस की पूछताछ में धीरेंद्र ने पूरा घटनाक्रम बयां किया। एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने भी रात में गांव पहुंचकर पड़ताल की और तनाव के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। बुधवार सुबह गांव में सन्नाटा पसरा था और लोग घरों से बाहर नहीं निकले थे।
मुकदमे की पैरवी खर्च बनी दुश्मनी की वजह
दोस्त रहते हुए अपराध में भी कपिल और पृथ्वीराज ने एक दूसरे का साथ निभाया। इसी साथ में दोनों पर साथ ही मुकदमे भी दर्ज होते रहे। इन मुकदमों की पैरवी पहले दोनों साथ-साथ करते रहे। लेकिन, जब खर्च बढ़ने लगा तो दोनों कतराने लगे और एक दूसरे पर ठीकरा भी फोड़ते रहे। उनकी दश्मनी की वजह मुकदमे में पैरवी खर्च बन गया। एसपी ने बताया कि घायल से बातचीत के अनुसार पुराने मुकदमे की पैरवी में खर्च को लेकर विवाद में घटना हुई है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
ढाई साल पहले दोनों जा चुके जेल
एसपी ने बताया कि करीब ढाई साल पहले गांव के ही एक युवक की हत्या के प्रयास में पूर्व प्रधान पृथ्वीराज यादव और उनके बेटे जीतेंद्र यादव, संजय, कपिल, कपिल के माता-पिता जेल गए थे। सभी जमानत पर बाहर आ गए थे। उस मुकदमे की पैरवी में खर्च हुए रुपयों को लेकर जीतेंद्र का संजय और कपिल से विवाद था। आरोपित मौके से फरार हैं। जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
पूर्व प्रधान की बेटी की हो चुकी मौत
पूर्व प्रधान पृथ्वीराज यादव के दो बेटे और तीन बेटियां थे। उनमें एक बेटी की मौत पहले ही हो चुकी है, जबकि दो बेटियां अभी अविवाहित हैं। छोटे बेटे धीरेंद्र की भी शादी नहीं हुई है। इनके सिर से पिता का साया उठने को लेकर भी ग्रामीणों में चर्चाएं रहीं।