जल्द बंद हो सकती कानपुर की 145 साल पुरानी लाल इमली, अफसरों को 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम
ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन के चेयरमैन बलराम कुमार ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग में लाल इमली मिल बंद करने का अल्टीमेटम दिया है। लटके कार्यों को पूरा करने के बाद ही वीआरएस व भत्ते मिलने का भी संकेत दिया गया है।
कानपुर, जेएनएन। बदहाली की कगार पर खड़ी लाल इमली के अफसरों को अपना काम समेटने के लिए 20 अप्रैल तक का समय मिला है। ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (बीआइसी) चेयरमैन बलराम कुमार ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग करके यह अल्टीमेटम दिया है। मिल इसके बाद किसी भी समय बंद हो सकती है। अभी पूर्व अधिकारियों के बंगले व किराये पर उठे आवास खाली कराने व वित्तीय लेखा-जोखा दुरुस्त कराने जैसे काम करने बाकी हैं। चेयरमैन ने लाल इमली व मुख्यालय के अफसरों और विभागाध्यक्षों को अपने विभाग के काम पूरे करके रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इस रिपोर्ट के सत्यापन के बाद ही उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) व भत्ते मिलेंगे।
इंटर मिनिस्ट्रियल कमेंट्स प्रक्रिया पूरी
दरअसल, लाल इमली को बंद करने के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल कमेंट्स प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब बाकी कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, यह प्रक्रिया 2017 से चल रही थी, लेकिन अब इसमें तेजी आई है। लाल इमली कर्मचारियों व अधिकारियों के बकाया भुगतान के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने वस्त्र मंत्रालय तक उनकी बात पहुंचाई है। इसके बाद भुगतान किए जाने के साथ बकाया पड़े काम पूरे कराने की कवायद तेज हुई है। 550 कर्मचारियों व अधिकारियों के बीच एरियर, लीव इनकैशमेंट व करीब तीन साल के वेतन के एवज में 60 करोड़ रुपये का भुगतान होना है।
कर्मचारी संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
लाल इमली कर्मचारी संघ ने सोमवार को गेट पर संघ के पदाधिकारियों व श्रमिकों की बैठक करके 33 महीने का वेतन जल्द दिलाने की मांग की। संघ के अध्यक्ष अजय ङ्क्षसह ने कहा कि मैकरॉबर्ट्सगंज में 2017 से रह रहे कर्मचारियों से आवास खाली कराने का भी विरोध होगा। उन्हें तब तक आवास में रहने दिया जाए, जब तक उनके वेतन का हिसाब नहीं हो जाता है। बिना वेतन वह कहां जाएंगे। इसके साथ दिसंबर से कर्मचारियों को मिलने वाला निर्वाह भत्ता भी रोकना गलत है। मांगें न मानी गईं तो आंदोलन तय है। कर्मचारी संघ के महामंत्री राशिद अली, श्रीराम गौतम, विद्या सागर शुक्ला, पंचानंद व रईस कुमार समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
लाल इमली के साथ कब-क्या हुआ
-1876 में हुई थी लाल इमली की स्थापना
-1981 में इसका सरकारी अधिग्रहण हुआ था।
-1990 से इसमें नुकसान होना शुरू हो गया।
-1992 में इसे बीमार मिल घोषित कर दिया गया। लगातार गिरता रहा उत्पादन। पैकेज मिले पर नहीं बनी बात।
- 2017 में नीति आयोग ने इसे बंद करने का निर्णय लिया।
- 01 जनवरी 2017 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेच्युटी व वेतन नहीं मिला।
- 33 महीने से किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है।
- 60 नंबर लोई विश्व विख्यात, कंबल व सेना के कपड़े भी बनते।
- 10 हजार कर्मचारी हुआ करते थे किसी समय में।
- लाल इमली के अफसरों को 20 अप्रैल तक लंबित काम पूरे करने का लक्ष्य दिया गया है। -बलराम कुमार, चेयरमैन, बीआइसी।