कानपुर में ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर बॉक्सरों की प्रतिभा निखार रहे सुनील, ट्रेनिंग के लिए ढूंढ़ निकाला ये अनोखा रास्ता
खिलाड़ियों में सीखने की ललक के कारण ही वे आज राष्ट्रीय फलक पर पहचान बना रहीं। कम समय में इन खिलाड़ियों ने सीखने की जिद के चलते पहचान हासिल की। खिलाड़ी इन दिनों बोरी में बालू भरकर पंचिंग पैड की तर्ज पर पसीना बहा रहे हैं।
कानपुर ,जेएनएन। शहर में बॉक्सिंग को पहचान दिलाने में पूर्व राष्ट्रीय बॉक्सर व कोच सुनील कुमार का अहम योगदान रहा। उन्होंने बदहाली की कगार पर खड़ी बॉक्सिंग को फिर से उड़ान भरने के साथ बेहतर खिलाड़ियों की एक टीम तैयार कर दी। जो राष्ट्रीय व प्रदेशस्तरीय फलक पर कानपुर का नाम रोशन कर रही। इस टीम को संवारने के लिए सुनील ऑनलाइन माध्यम से फिटनेस व स्किल का टेस्ट लेकर उनको प्रशिक्षित कर रहे।
परमट में रहने वाले सुनील कुमार हमेशा रिंग में पसीना बहाते हुए नजर आते थे। संक्रमण के कारण स्टेडियम बंद होने के चलते उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों को उनके योग्यता के आधार पर ऑनलाइन प्रशिक्षण देना शुरू किया। वे सुबह व शाम फिटनेस टेस्ट के साथ बॉक्सरों को पंचिंग, इंजरी व कदमताल व सैडो बॉक्सिंग की बारीकियों से परिचित कराते। सुनील खिलाड़ियों को टॉस्क देकर हेड व फेस पंचिंग करने के टिप्स व प्रतिद्वंद्वी की आंखों की गतिविधियों का खेल में पड़ने वाले प्रभाव का महत्व समझाते। वे प्रतिदिन किसी एक नेशनल बाउट का वीडिया शेयर कर खिलाड़ियों को कमजोरी व ताकत की जानकारी हासिल करते है। बातचीत में सुनील ने बताया कि खिलाड़ियों में सीखने की ललक के कारण ही वे आज राष्ट्रीय फलक पर पहचान बना रहीं। कम समय में इन खिलाड़ियों ने सीखने की जिद के चलते पहचान हासिल की। उन्होंने बताया कि कुछ आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ी इन दिनों बोरी में बालू भरकर पंचिंग पैड की तर्ज पर पसीना बहा रहे हैं। उनकी मेहनत को सिर्फ दिशा प्रदान कर रहा हूं। ताकि वे मानसिक व शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट रहे।
इन खिलाड़ियों ने बनाई पहचान
सुनील के मार्गदर्शन में मनीषा, प्रशांत, श्याम सिंह, सौरभ, तनीषा, शीलू, श्वेता, हर्षिता, प्रीति व लक्की ने राष्ट्रीय व प्रदेशस्तरी प्रतियोगिता में छाप छोड़ी।