Move to Jagran APP

कानपुर में जल पुरुष महेंद्र मोदी के मॉडल से पानी सहेज रहा बीएनएसडी शिक्षा निकेतन

सस्ता व प्रदूषण मुक्त तरीके वर्षा जल संचय करने वाले मॉडल के आधार पर स्कूल में दो वाटर रिचार्ज और रेन वाटर हार्वेस्टिंग के छह सिस्टम स्थापित किए गए हैं। पहले जो प्लांट लगा था उसका रखरखाव बहुत महंगा था और प्रतिवर्ष एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च होते थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:15 AM (IST)
कानपुर में जल पुरुष महेंद्र मोदी के मॉडल से पानी सहेज रहा बीएनएसडी शिक्षा निकेतन
कानपुर का बीएनएसडी शिक्षा निकेतन स्कूल ।

कानपुर, जेएनएन। पानी की एक-एक बूंद बचाकर उसे इस्तेमाल करने का मॉडल बनाने वाले पूर्व डीजीपी महेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जल पुरस्कार से नवाजा गया है। आसान और सस्ते तरीके से वर्षा जल संचयन के उनके मॉडल को बीएनएसडी शिक्षा निकेतन अपना रहा। छह जगहों पर जल संचय के सिस्टम लगे हैं। इसमें दो वाटर रिचार्ज और छह रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं।

loksabha election banner

महेंद्र मोदी ने तीन वर्ष पहले बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के छात्रों के बीच जल संचय का यह मॉडल प्रस्तुत करके उसे विकसित करने का प्रशिक्षण दिया था। उन्होंने बताया कि वह 2008 से जल संरक्षण कर रहे हैं। उनका जल संचय का मॉडल प्रदूषण मुक्त और किफायती है। पहले बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का जो प्लांट लगा था, उसका रखरखाव बहुत महंगा था। घास-फूस व मिट्टी साफ करने में एक से डेढ़ लाख रुपये प्रतिवर्ष खर्च होते थे।

पुराने प्लांट को उन्होंने संशोधित कर ठीक कर दिया, अब उसके रखरखाव का खर्च जीरो है। आमतौर पर 300 मीटर के स्थान पर जल संचय का मॉडल बनाने में 10 से 15 लाख रुपये आता है, उन्होंने जो मॉडल बनाया है, एक से डेढ़ लाख रुपये में तैयार किया जा सकता है। पाइप लगाने का भी झंझट नहीं है। उन्होंने जल संचय के अलग अलग मॉडल बनाकर चार पेटेंट कराए हैं। जल संचय पर विभिन्न राज्यों में 240 व्याख्यान दिए हैं। मास अवेयरनेस-एजुकेशन एक्रॉस इंडिया कैटगरी में उन्हें जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अवार्ड प्रदान किया है।

बहुमंजिला इमारत में बारिश का शुद्ध पानी पहुंचने का बनाया मॉडल

महेंद्र मोदी ने छत पर ऊर्जा मुक्त शुद्ध वर्षा का मॉडल भी बनाया है। इससे बारिश का पानी शुद्ध होकर सीधे बहुमंजिली इमारत में पहुंचता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.