Move to Jagran APP

आंख मूंदे चली कांग्रेस, खा गई ठोकर

वर्ष 2014 के बाद 2019 का लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस बुरी तरह से हार गई। अब बेशक समीक्षा और आत्मचिंतन के दौर चले लेकिन असल में कांग्रेस पूरे चुनाव में आंखें मूंदकर चलती रही हकीकत से नजरें चुराती रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 06:28 AM (IST)
आंख मूंदे चली कांग्रेस, खा गई ठोकर
आंख मूंदे चली कांग्रेस, खा गई ठोकर

जागरण संवाददाता, कानपुर : वर्ष 2014 के बाद 2019 का लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस बुरी तरह से हार गई। अब बेशक, समीक्षा और आत्मचिंतन के दौर चले लेकिन, असल में कांग्रेस पूरे चुनाव में आंखें मूंदकर चलती रही, हकीकत से नजरें चुराती रही। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के रोड शो में भीड़ कैसे दिखी? यह कांग्रेसी जानते हैं। फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा फ्लॉप हुई, उससे भी संगठन ने सबक नहीं लिया और परिणाम सामने है।

loksabha election banner

इस बार लोकसभा चुनाव में जीत के लिए ताल तो सभी दल ठोंक रहे थे लेकिन, संगठन की मजबूती के लिए कसरत करती सिर्फ भाजपा ही नजर आई। संगठन की सक्रियता के स्तर पर कांग्रेस काफी पिछड़ी रही। बूथ स्तर की तैयारियों का कोई खाका नहीं था। पहले खींचतान टिकट पाने के लिए होती रही, फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को टिकट मिल गया तो पार्टी सिर्फ उनकी सहज-सुलभ छवि के भरोसे जा टिकी। फिर जब राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा का रोड शो होना था तो संगठन ने मजबूती की 'झूठी तस्वीर' तैयार करने पर दिमाग चलाया। प्रियंका का रोड शो ऐसे घने बाजारों में कराया, जहां सामान्यत: ऐसे ही हजारों की भीड़ रहती है। रोड शो में भीड़ नजर आने का सच जानते हुए भी कांग्रेस पदाधिकारी हकीकत से मुंह मोड़कर आत्ममुग्ध बने रहे।

इसके बाद कांग्रेस का प्रचार अभियान का मेगा इवेंट था राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा। बृजेंद्र स्वरूप पार्क में हुई यह जनसभा कानपुर और अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र की थी। दो लोकसभा क्षेत्रों की इस रैली में पांच हजार की भीड़ भी कांग्रेसी नहीं जुटा सके। फ्लॉप शो पर मंथन करने की बजाए कांग्रेसी धूप और गर्मी के तर्क देते रहे। उसी समय भाजपा की नुक्कड़ सभाओं में भी जुट रही जबर्दस्त भीड़ को कांग्रेसी नजरअंदाज करते रहे। राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनसभा फेल होने पर नाराजगी भी जताई थी। संगठन की कमजोरी का संदेश तो वहीं से मिल गया था लेकिन, इससे सबक नहीं लिया गया। यही वजह है कि कांग्रेस को भाजपा के हाथों लगातार दूसरी बार शिकस्त खानी पड़ी।

---

घातक रहा नसीमुद्दीन का बयान

प्रियंका वाड्रा के रोड शो के बाद से कुछ माहौल तो बना था लेकिन, उसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल के लिए नुक्कड़ सभा करने आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बयान दिया था- 'मुस्लिम एकजुट हो जाएं तो भाजपा एक पार्षद भी नहीं जिता पाएगी।' इसके बाद काफी हद तक धु्रवीकरण जैसी स्थिति बन गई, जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ।

--

गुटबाजी और भितरघात ने भी तोड़ी कमर

कई चुनावों में गुटबाजी की मार झेल चुकी कांग्रेस इस स्थिति से लोकसभा चुनाव में भी नहीं उबर पाई। इस बार भी पार्टी गुटों में बंटी रही। आलाकमान ने दिल मिलाने के बहुत प्रयास किए लेकिन, चुनाव परिणाम बताते हैं कि सफलता नहीं मिली। शहर कांग्रेस संगठन ने अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ा। इसका परिणाम पिछली बार की तुलना में वोट भी हमे ज्यादा मिला। चूक कहां हुई इसकी समीक्षा की जाएगी।

हरप्रकाश अग्निहोत्री, अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.