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यूपी में 'गोरखधंधा' शब्द के इस्तेमाल पर लगे रोक, भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर गोरखधंधा शब्द पर रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि हरियाणा सरकार ने इस शब्द पर प्रतिबंध लगा दिया है अब इस संबंध में जल्द सीएम से मुलाकात भी करेंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 01:02 PM (IST)
यूपी में 'गोरखधंधा' शब्द के इस्तेमाल पर लगे रोक, भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने उठाई मांग।

कन्नौज, जेएनएन। कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक का कहना है कि हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश में भी 'गोरखधंधा' शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस शब्द से गुरु गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाएं आहत होतीं हैं। ऐसे शब्दों की अनुमति देना अनैतिक है। इस मांग के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है।

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सांसद सुब्रत पाठक का कहना है कि हरियाणा सरकार 'गोरखधंधा शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा चुकी है। यह ऐसा शब्द है, जिसका इस्तेमाल गलत प्रथा के लिए किया जाता है। यह शब्द कब गढ़ा गया था, इसकी भी किसी को जानकारी नहीं है। इससे लगता है कि यह शब्द हमारी सनातन संस्कृति और संतों को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा था। सांसद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस शब्द पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को धन्यवाद भी दिया है।

उन्होंने बताया कि किसी भी शब्दकोश में इस शब्द के बारे में नहीं लिखा है, फिर भी आमतौर पर इसका इस्तेमाल होता है। मुख्यमंत्री खुद गुरु गोरखनाथ के अनुयायी हैं, ऐसी स्थिति में प्रदेश में भी इस शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगना चाहिए। एक-दो दिन में वह मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर इस शब्द पर प्रतिबंध लगवाने संबंधी बात करेंगे।

ट्वीट करके मुलायम-अखिलेश पर साधा निशाना

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के निधन पर अंतिम दर्शन करने नहीं पहुंचे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने घेरा है। कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया। इसमें लिखा है कि हिंदू हृदय सम्राट स्व. बाबू कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को अगर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देंगे, तो इससे बाबूजी के कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह सच है कि अगर लखनऊ में ये दोनों कल्याण सिंह के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता।

लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है। सांसद ने ट्वीट की पुष्टि भी की है। उधर, सांसद का यह ट््वीट इंटरनेट मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इसे री-ट्वीट भी कर रहे हैं।


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