संसद में गूंजा अनवरगंज-मंधना रेल लाइन का मुद्दा, कानपुर में जाम की मुख्य वजह
सांसद सत्यदेव पचौरी ने संसद में शून्य काल के दौरान कहा-दिनभर में रेलवे ट्रैक से 50 जोड़ी ट्रेनें गुजरने के समय क्रासिंग बंद होने से जीटी रोड पर जाम लगता है शहर के विकास के लिए रेलवे लाइन का हटना जरूरी है।
कानपुर, जेएनएन। संसद में मंगलवार को अनवरगंज-मंधना रेल ट्रैक को हटाने का मुद्दा गूंजा। सांसद सत्यदेव पचौरी ने शून्य काल में कहा कि 16 किमी लंबा यह ट्रैक शहर के बीच से गुजरते हुए जाम का कारण बनता है। रेलवे इसके लिए सर्वे करा चुका है। इसके बाद भी अभी तक इसे हटाया नहीं गया है। कानपुर में लगने वाले जाम को देखते हुए इसे हटाने के लिए निर्देश दिया जाए।
अनवरगंज-मंधना रेल ट्रैक को हटाकर मंधना से पनकी की ओर मोडऩे की मांग शहर में कई वर्षों से चल रही है। जीटी रोड के समानांतर होकर गुजरने की वजह से यहां रोज जाम लगता है। शहर की इसी समस्या को भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने शून्यकाल के दौरान संसद में उठाया। उन्होंने कहा कि इज्जतनगर रेलवे मंडल के क्षेत्राधिकार से जुड़ा अनवरगंज मंधना रेल मार्ग हटाकर मंधना से पनकी ले जाने की जरूरत है। वह खुद इसके लिए कई बार रेल मंत्री को पत्र लिख चुके हैं और कई बार व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी बात बता चुके हैं। रेलवे ने भी इसका फील्ड सर्वे कराया था, लेकिन कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी।
भाजपा सांसद ने सदन में बताया कि इस ट्रैक की वजह से शहर उत्तर व दक्षिण दो भागों में बंट जाता है। यहां 18 रेलवे फाटक हैं और 50 जोड़ी ट्रेन दिनभर गुजरती हैं। हर 10 मिनट में गेट बंद होने से जाम लग जाता है। उन्होंने कहा कि कानपुर के विकास के लिए इस रेलवे ट्रैक का हटना जरूरी है। लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शुक्ला के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने भी पिछले दिनों सांसद सत्यदेव पचौरी से मिलकर रेलवे लाइन को शिफ्ट करने की मांग की थी। एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेश शुक्ला ने कहा कि सांसद ने शहरवासियों के दर्द को समझा और यह मुद्दा उठाया है। सभी जनप्रतिनिधियों को यह मुद्दा उठाना चाहिए।
मंधना रेलवे ट्रैक हटवाने के लिए सीएम से मिलेंगे व्यापारी
मर्चेंट चैंबर और अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी अनवरगंज से मंधना का रेलवे ट्रैक हटवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे। यह निर्णय बुधवार को दोनों संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया। बैठक में तय हुआ कि दोनों संगठन इसके लिए संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन करने के साथ प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और कैबिनेट सचिव को भी ज्ञापन दिया जाएगा।
उन्हें बताया जाएगा कि इस ट्रैक को हटाकर मंधना-पनकी ट्रैक बनाने में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा क्योंकि जिस जमीन से ट्रैक हटेगा उसका व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा सकता है। यह राजस्व का भी एक जरिया बन जाएगा। मर्चेंट चैंबर के अध्यक्ष मुकुल टंडन ने बताया कि एक दशक से ज्यादा समय से रेलवे बोर्ड को इस संबंध में अपने सुझाव भेजता रहा है। पूर्व अध्यक्ष इंद्रकुमार रोहतगी ने कहा कि मंधना के रेलवे ट्रैक के कारण लगने वाले जाम से प्रदूषण तो फैलता ही है, व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।