नितिन गडकरी ने कहा, सुगंधित तेलों का होगा मानकीकरण और कन्नौज का सुरस केंद्र बनेगा नोडल एजेंसी
एफएफएआइ और एसएसएआइ के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन किया गया। सूक्ष्म लघु एवं उद्यम मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया मानक तय करने के लिए सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र कन्नौज को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। सूक्ष्म, लघु एवं उद्यम मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि चमेली, गुलाब, गेंदा, लेमन ग्रास, चंदन, तुलसी समेत अन्य फूल-पौधों व लकडिय़ों से निकलने वाले सुगंधित तेलों का अब मानकीकरण किया जाएगा। अभी तक चुनिंदा तेल मानकों पर आधारित हैं जबकि कई तेलों का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन समेत अन्य उत्पाद बनाने में होता है जिनके मानक तय नहीं हैं। इन सभी का मानक तय करने के लिए कन्नौज के सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा।
फ्रेगरेंसेस एंड फ्लेवर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएफएआइ) और एसेंसियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसएसएआइ) के संयुक्त तत्वावधान व सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र कन्नौज व कानपुर शाखा के समन्वय में आयोजित वेबिनार में केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कदम से हमें न केवल बेहतर सुगंधित तेल प्राप्त होंगे बल्कि अनुसंधान के लिए उनका प्रयोग किन-किन क्षेत्रों में किया जा सकता है, इसके बारे में भी अधिक जानकारी प्राप्त होगी।
इस दौरान उद्यमियों ने अपनी समस्या बताई कि दूसरे देशों से तीन हजार से चार हजार टन कृत्रिम पिपरमेंट साल भर में आता है जिससे यहां पर पैदा होने वाले प्राकृतिक पुदीने की खेती को खतरा हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर रोक लगाए जाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इस मौके पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सलाहकार डॉ. राम विश्वकर्मा, सूक्ष्य-लघु एवं उद्यम मंत्रालय के विकास आयुक्त वीके ङ्क्षसह, विकास केंद्र के निदेशक शक्ति विनय शुक्ला, सहायक निदेशक डॉ. भक्ति विजय शुक्ल, एसेंसियल ऑयल एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश दुबे, एफएफएआइ के अध्यक्ष रोहित सेठ के अलावा ऋषभ कोठारी समेत अन्य उद्यमी मौजूद रहे।