मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद भाजपा नेताओं में मचा घमासान, जानें-क्या है पूरा मामला
प्रतिनिधि बनने को लेकर पार्षदों के नाराजगी जताने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
कानपुर, जेएनएन। मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद निशा मिश्र को रायपुरवा और अनुज बाल्मीकि को मसवानपुर वार्ड में जनता की शिकायतें सुनने और उन्हें हल करने की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर भाजपा में घमासान हो गया है। जहां भाजपा उत्तर जिलाध्यक्ष सुनील बजाज ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि शपथ ग्रहण के बाद इस तरह दोनों को प्रतिनिधि बनाया जाएगा, वहीं नगर निगम के उप नेता सदन महेंद्र शुक्ला दद्दा के मुताबिक महापौर के पास इस तरह का कोई अधिकार नही है कि वे किसी को प्रतिनिधि बना दें।
मनोनीत पार्षदों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम खत्म होने के बाद महापौर ने निशा मिश्र और अनुज बाल्मीकि का सभी से परिचय कराया। उन्होंने बताया किनिशा को रायपुरवा में काम देखने की जिम्मेदारी दी है क्योंकि वहां की पार्षद की शादी हो गई है। अनुज को मसवानपुर वार्ड में काम देखने के लिए कहा है क्योंकि वहां के पार्षद की सरकारी नौकरी लग गई है। इसके बाद मनोनीत पार्षद, चुने हुए पार्षद बुरी तरह नाराज हो गए। इस दौरान बाहर केयर टेकर रूम में ही बैठे रहे उप नेता सदन ने कहा कि पार्षद प्रतिनिधि बनाने को लेकर नाराज हैं।
अनुज बाल्मीकि ने कहा कि उन्हें महापौर नेवार्ड में कार्य देखने के लिए प्रतिनिधि बनाया है। कुछ लोगों ने गलत तरीके से उन्हें मनोनीत पार्षद बता दिया। निशा मिश्र ने कहा कि उनका वार्ड खाली था, इसलिए उन्हें महापौर ने अपना प्रतिनिधि बनाया। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि दोनों वार्ड खाली थे और उन्हें कार्य कराने के लिए इन वार्ड में लोगों की जरूरत थी, इसलिए उन्हें लोगों की समस्याएं देखने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन वार्ड में चुनाव कब होगा, यह चुनाव आयोग जाने।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील बजाज ने कहा कि वास्तव में संविधान में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। ना उन्हें बताया गया था कि इन दोनों को महापौर प्रतिनिधि घोषित करने जा रही हैं। वह बीच कार्यक्रम से उठकर चले आए थे। बाद में यह सब हो गया।