भाजपा जिलाध्यक्षों को संभालनी होगी मंडलों की कमान, प्रदेश नेतृत्व को भेजनी होगी प्रवास की रिपोर्ट
सक्षम मंडल के नारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कानपुर में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर जिले में 14 और दक्षिण जिले में 13 मंडलों में जिलाध्यक्ष के प्रवास की वजह है कि इससे कार्यकर्ता के बीच सीधा कनेक्ट होगा।
कानपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों को खुद ही मंडलों को मजबूत करने के लिए आगे आना होगा। इसके लिए उन्हें अपने जिले में आने वाले हर मंडल में माह में कम से कम एक रात तो रुकना ही होगा। इस तरह जिले में उनका प्रवास मंडलों की संख्या के हिसाब से होगा। इसकी सूचना और रिपोर्ट भी उन्हें प्रदेश नेतृत्व को भेजनी होगी।
भारतीय जनता पार्टी सक्षम मंडल के नारे को लेकर विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रही है। मंडल को मजबूत करने के लिए अब पार्टी ने जिलाध्यक्षों पर ही मंडलों को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। हालांकि जिले के दूसरे पदाधिकारी अलग-अलग मंडलों के प्रभारी हैं और उन्हें अपने मंडलों को मजबूत करना है लेकिन जिलाध्यक्ष को सभी मंडलों में रुकना है। कानपुर में उत्तर जिले में 14 और दक्षिण जिले में 13 मंडल हैं। सभी मंडलों में जिलाध्यक्ष के रुकने की व्यवस्था करने के पीछे यह सोच है कि इससे कार्यकर्ता और जिलाध्यक्ष के बीच सीधा कनेक्ट होगा।
रात्रि प्रवास के दौरान रात के भोजन की व्यवस्था उसी मंडल में होगी। जिलाध्यक्ष को उससे पहले, भोजन के साथ और उसके बाद कार्यकर्ताओं से संवाद का मौका रहेगा। इसके बाद सुबह चाय नाश्ते के समय भी कार्यकर्ताओं से मुलाकात होगी। ऐसे मौकों पर कार्यकर्ता अपने मन की बात कह सकते हैं। जिलाध्यक्ष को उन बातों की भी जानकारी हो सकती है जो मंडल में संगठन के विपरीत जा रही हैं। इससे समय रहते उन्हें पूरा किया जा सकेगा। विधानसभा चुनाव तक कई बार जिलाध्यक्ष को सीधे उस मंडल के कार्यकर्ता से मिलने का मौका मिलेगा, इसलिए उसके पास उन कमियों को दूर करने का भी पर्याप्त मौका होगा।